Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

आय से अधिक संपत्ति का मामले में जमानत के लिए कोर्ट पहुंचे कांग्रेसी सीएम वीरभद्र सिंह

हमें फॉलो करें आय से अधिक संपत्ति का मामले में जमानत के लिए कोर्ट पहुंचे कांग्रेसी सीएम वीरभद्र सिंह
नई दिल्ली , सोमवार, 22 मई 2017 (14:57 IST)
आय से अधिक संपत्ति के मामले में कांग्रेस नेता और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पटियाला हाउस कोर्ट पहुंच गए हैं। वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह सहित अन्य ने जमानत याचिका दायर की है। पटियाला हाउस कोर्ट ने जमानत याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया है। मामले पर अगली सुनवाई 29 मई को होगी सुनवाईं।
 
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ कथित रूप से 10 करोड़ रुपए के आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति मामले में एक विशेष अदालत सुनवाई कर रही है। चार्जसीट 500 से ज्यादा पन्नों की है। इसमें दावा किया गया है कि सिंह ने करीब 10 करोड़ रुपए की संपत्ति अर्जित की जो केंद्रीय मंत्री के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान उनकी कुल आमदनी से 192 प्रतिशत अधिक है। वीरभद्र और आठ अन्य लोगों के खिलाफ कथित अपराध के लिए भ्रष्टाचार रोकथाम कानून और आईपीसी की धारा 109 (उकसाने) और 465 (जालसाजी के लिए सजा) के तहत दायर अंतिम रिपोर्ट में 225 गवाहों और 442 दस्तावेजों को रखा गया है। कांग्रेस नेता और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह के अलावा रिपोर्ट में चुन्नी लाल चौहान, जोगिंदर सिंह घल्टा, प्रेम राज, वकामुल्ला चंद्रशेखर, लवन कुमार रोच और राम प्रकाश भाटिया को आरोपी बनाया गया है। सोमवार को आय से अधिक संपत्ति के मामले में आरोपी हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पटियाला हाउस कोर्ट में पेश हुए।
 
8 मई को कोर्ट ने सीबीआई के आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए वीरभद्र सिंह उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह समेत कुल 9 लोगों को समन जारी कर पेश होने का आदेश दिया था। उल्लेखनीय कि सीबीआई 10 करोड़ से अधिक की संपत्ति के मामले में आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है, जिसकी सुनवाई में कोर्ट ने ये आदेश जारी किया है। इस मामले में वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी सहित कुल 9 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर है।
 
गौरतलब है कि 82 साल के वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह के अलावा इस मामलें में चुन्नी लाल, लाल चौहान, जोगिंदर सिंह, प्रेम राज, वकामुल्ला चंद्रशेखर, लवन कुमार रोच और राम प्रकाश भाटिया भी आरोपी हैं। इन सभी को भी कोर्ट में पेश होने का आदेश जारी किया गया है।
 
वीरभद्र सिंह पर यूपीए सरकार में इस्पात मंत्री रहते हुए आय से अधिक संपत्ति होने की जांच चल रही है। वीरभद्र सिंह ने मामला सामने आने के बाद इस राशि को अपने सेब बागानों की आय बताया था लेकिन इनकम टैक्स विभाग की जांच में सामने आया कि जिन वाहनों से सेब की ढुलाई कागजों में दिखाई गई थी उनमें कुछ के नंबर टू व्हीलर के थे। वीरभद्र सिंह के खिलाफ सीबीआई ने सितंम्बर 2015 में आय से अधिक संम्पत्ति और भ्रष्टाचार के मामले में केस दर्ज किया था।
 
इससे पहले हिमाचल हाई कोर्ट ने एक अक्टूबर 2015 को अपने अंतरिम आदेश में सिंह की गिरफ्तारी, पूछताछ करने और चार्ज शीट दायर करने पर रोक लगा दी थी। उस आदेश में कहा गया था कि ऐसा करने के लिए एजेंसी को कोर्ट की इजाज़त लेनी होगी। बाद में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केस को दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया और हाई कोर्ट से आए इस आदेश के कुछ घंटे बाद ही सीबीआई ने इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट मे वीरभद्र सिंह के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल कर दी थी।
 
कुछ दिन पहले ही दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले में गिरफ्तार किए गए इकलौते शख्स एलआईसी एजेंट आंनद चौहान की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। ईडी ने हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के करीबी एलआईसी एजेंट आनंद चौहान को पिछले साल जुलाई में गिरफ्तार किया था। सीबीआई के अलावा प्रवर्तन निदेशालय भी वीरभद्र सिंह के खिलाफ 2009-2012 के दौरान जुटाई गई 6.03 करोड़ रुपए की संपत्ति की जांच कर रहा है जो उनके परिजनों के नाम पर एलआईसी पॉलिसी में निवेश की गई थी।
 
एसआईसी की ये पालिसी आंनद चौहान के माध्यम से ही की गई थी। वीरभद्र 13 अप्रैल को ईडी के सामने भी पेश हो चुके हैं जहां उनसे करीब 10 घंटे तक पूछताछ की गई थी। इससे पहले 31 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट ने वीरभद्र सिंह की उस याचिका को भी खारिज कर चुका है जिसमें सीबीआई की एफआईआर रद्द करने की गुहार लगाई थी लेकिन कोर्ट ने साफ कर दिया कि आरोपी ये खुद तय नहीं कर सकता है कि उसके खिलाफ केस लोकल पुलिस दर्ज करें या फिर सीबीआई। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

दिल दहला देने वाला वीडियो, जब समुद्री शेर ने लड़की को जबड़े में दबाया