पटना। आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव जब पटना में 12 फरवरी को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में पहुंचे तो उन्हें आयोजकों ने वह सीट खाली करने को कहा जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए रिजर्व थी। लालू पहले नीतीश की सीट पर बैठ गए थे। इसके बाद वे बिना किसी कहासुनी के अपनी सीट पर बैठ गए। जब मुख्यमंत्री पहुंचे तो उन्हें सीट तक लाया गया और वह लालू के बराबर में बैठ गए। ये नजारा रविवार को पटना में ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र द्वारा स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में देखने को मिला।
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दरअसल हुआ यूं कि कार्यक्रम के आयोजकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू यादव दोनों को निमंत्रण दिया गया। लालू यादव कार्यक्रम में नीतीश कुमार से पहले पहुंच गए और मंच पर एक कुर्सी पर जाकर बैठ गए। थोड़ी देर में आयोजकों ने जैसे ही बताया कि वो गलत कुर्सी पर बैठ गए हैं, लालू तुरंत बगल की कुर्सी पर जाकर बैठ गए। हालांकि ये पूरा मामला चंद सेकंड का था लेकिन राजैनतिक गलियारों में ये चर्चा का विषय बन गया। नीतीश इस कार्यक्रम में थोड़ी देर बाद आए और दोनों एक दूसरे के अगल बगल में बैठे। निश्चित रूप से लालू यादव और उनके समर्थकों को ये पूरा मामला अच्छा नहीं लगा होगा।
कुछ हफ्तों पहले लालू यादव की पार्टी ने सवाल उठाए थे, क्योंकि उन्हें पटना में हुए गुरु गोबिंद सिंह के 350वें प्रकाशवर्ष समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बराबर में नहीं बिठाया गया था। हालांकि दोनों ने ही उन रिपोर्ट्स को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा जा रहा था कि प्रधानमंत्री मोदी के नोटबंदी के फैसले पर नीतीश द्वारा दिए गए समर्थन से दोनों के बीच तनाव बढ़ा है।
गौरतलब है कि 10 फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिए गए नोटबंदी के फैसले को 'ऐतिहासिक कुप्रबंधन' करार दिया था। शुक्रवार को पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम की किताब लॉन्च करते हुए उन्होंने कहा, 'नोटबंदी की घोषणा के तीन महीने बाद, काले धन से कैशलेस की तरफ ध्यान डायवर्ट किया जा रहा है। मैं डॉ. मनमोहन सिंह से सहमत हूं। नोटबंदी वाकई में ऐतिहासिक कुप्रबंधन था।'
कुमार ने इस बात भी हैरानी जताई कि मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा के बाद कितना काला धन बाहर आया या बाजार से कितने जाली नोट पकड़े गए। उन्होंने बीजेपी के साथ जाने की अटकलों को हास्यास्पद करार दे दिया। जब प्रधानमंत्री पटना आए थे तो उन्होंने बिहार में नीतीश कुमार द्वारा लिए गए शराबबंदी के फैसले की तारीफ की थी।