नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने पति से अलग रह रही एक महिला को एक साल तक हर महीने 10 हजार रुपए गुजारा भत्ता देने का निर्देश देते हुए महिला को आत्मनिर्भर बनने के लिए नौकरी तलाशने को कहा।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनुराधा शुक्ला भारद्वाज ने कहा कि महिला एक साल में अपनी नौकरी ढूंढे और स्वतंत्र जिंदगी जिए। एक साल बाद पति महिला को गुजारा भत्ता नहीं देगा।
अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता को जल्द ही या बाद में कुछ काम देखना होगा। वह एक शिक्षित महिला है, जिसके पास काम का पुराना अनुभव है। अदालत ने व्यक्ति को हर महीने 10 हजार रुपये अतिरिक्त राशि देने का भी निर्देश दिया लेकिन कहा कि यह भत्ता निर्धारित समय के लिए आदेश की तारीख से एक साल तक के लिए ही होगा।
मजिस्ट्रेटी अदालत के आदेश के खिलाफ महिला की ओर से दाखिल अपील पर यह फैसला आया है। अदालत ने व्यक्ति को प्रति महीने बच्चों को 15,000 रुपए के साथ ही अलग रह रही पत्नी के आवास के लिए 10 हजार रुपए देने का आदेश दिया था।
महिला ने अपने गुजारा भत्ता के लिए इस दलील के साथ सत्र अदालत का रख किया कि वह बेरोजगार है और उसे अपने मासूम बच्चों की भी देखभाल करनी पड़ती है, जबकि उसके ससुराल वाले काफी धनी हैं। मजिस्ट्रेटी अदालत ने महिला की अर्जी इस आधार पर खारिज कर दी थी कि वह पोस्ट ग्रेजुएट है और पहले एक निजी फर्म में काम कर चुकी है इसलिए वह खुद का गुजारा कर सकती है। (एजेंसियां)