लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को सांप्रदायिक कहने वालों को आड़े हाथों लेते हुए उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि नि:स्वार्थ और सेवा भाव से काम करने वाले इस संगठन पर उंगली उठाने वालों को पहले अपने भीतर झांकना चाहिए।
योगी यहां सुहेलदेव विजयोत्सव दिवस के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आरएसएस नि:स्वार्थ भावना से काम कर रहा है। आरएसएस लोगों के अंदर राष्ट्रीयता का भाव पैदा करना चाहता है। जब आरएसएस मलिन बस्ती में काम करता है तो उस पर उंगली उठती है कि वो सांप्रदायिक है।
उन्होंने कहा कि देश में एक बार चर्चा हो जानी चाहिए कि कौन सांप्रदायिक है और कौन राष्ट्रवादी? उन्होंने कटाक्ष किया कि जो लोग वोट बैंक बनाकर समाज को बांटने का काम कर रहे हैं, वे खुद को मानवतावादी कहते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने अपने इतिहास को भुला दिया। इस देश में विदेशी आक्रांताओं के हमले तेज हो गए। जब भी हम अपने इतिहास को भुला देंगे इसका परिणाम पूरे समाज को भुगतना होगा। महाराजा सुहेलदेव को इतिहास में जितनी जगह मिलनी चाहिए थी उतनी मिली नहीं। एक शरारत के तहत ऐसे महापुरुषों का नाम हटा दिया गया। केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि इन सभी महापुरुषों को पाठयक्रमों का हिस्सा बनाएंगे। जब तक हम बच्चों को नहीं बताएंगे कि कौन महापुरुष थे तो उन्हें जानकारी क्या होगी। (वार्ता)