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योगी आदित्यनाथ का गोमती दौरा, अधिकारियों को आया पसीना

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लखनऊ , सोमवार, 27 मार्च 2017 (12:24 IST)
उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री महंत आदित्यनाथ योग ने गोमती रिवर फ्रंट का दौरा कर वहां का निरिक्षण किया। यहां उन्होंने अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की और चेतावनी दी कि एक भी नाला गोमती में नहीं गिरना चाहिए। साथ ही उन्होंने रिवर फ्रंट के एक्सईएन को तलब करते हुए पूछा- बाकी बचे हुए पैसे कहां गए। इसके बाद चीफ इंजीनियर पीके सिंह से जानकारी ली। इस दौरान अधि‍कारी पसीना पोछते नजर आए। योगी के साथ डि‍प्टी सीएम दिनेश शर्मा सहित आधा दर्जन कैबिनेट मंत्री भी थे।
 
गोमती रिवर फ्रंट पर काम की प्रगति को लेकर बेहद गंभीर मुख्यमंत्री ने इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी अधिकारियों को तलब किया। उनके साथ वार्ता की और कार्य प्रगति की रिपोर्ट ली। इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी अधिकारी मौके पर जुटे। सीएम के गोमती रिवर फ्रंट के निरीक्षण को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था सख्त की गई।

गोमती रिवर फ्रंट पर योगी आदित्यनाथ से करीब 40 मिनट तक अधिकारियों से बात की। उन्होंने वहां नदी में गिर रहे नाले पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर यह नाला गोमती नदी में क्यों गिर रहा है। उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि एक भी गंदा नाला गोमती नदी में ना गिरे। 
 
उन्होंने इस दौरान अफसरों की क्लास भी लगाई। योगी ने पूछा गोमती का पानी क्यों गंदा है? क्या सारे पैसे पत्थरों मे लगा दिए। प्रोजेक्ट की लागत इतनी ज्‍यादा क्यों हुई? कहा प्रोजेक्ट कॉस्ट ज्यादा है इसे संशोधित करें। मई तक गोमती का पानी साफ हो जाना चाहिए। उन्होंने प्रोजेक्ट को एक साल के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए। योगी ने पूछा कि रिवर फ्रंट परियोजना में 6 किमी नदी को 3 मीटर गहराई में गहरा किया गया है, लेकिन कागज पर, इतनी मिट्टी निकली तो फेंकी कहां गई? गोमती को कितना गहरा किया गया?
 
मुख्यमंत्री के साथ उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह, नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना के साथ कैबिनेट मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी, आशुतोष टंडन, बृजेश पाठक तथा मुख्य सचिव राहुल भटनागर भी थे। गोमती रिवर फ्रंट पर मुख्यमंत्री के लिए बैठने के लिए एक पंडाल भी बनाया गया है। गोमती रिवर फ्रंट का निरीक्षण करने के लिए सीएम निर्धारित समय पर वीवीआइपी गेस्ट हाउस से निकले थे।
 
उल्लेखनीय है कि रिवर फ्रंट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्राथमिकता वाले प्रोजेक्ट में से एक है। सीएम आदित्यनाथ योगी व सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने उसे हाथोंहाथ लिया। माना जा रहा है कि निर्माण आदि में गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई भी हो सकती है और प्रोजेक्ट में बदलाव के भी आदेश दिए जा सकते हैं।
 
इस योजना के तहत गुजरात के अहमदाबाद के साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर अखिलेश सरकार ने गोमती नदी के तट पर रिवर फ्रंट बनाने की योजना तैयार की थी। तीन हजार करोड़ के इस प्रोजेक्ट पर आधी रकम खर्च हो चुकी है। प्रथम चरण का काम लगभग पूरा है। 8.1 किमी लंबे रिवर फ्रंट को लंदन के टेम्स नदी की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है।
 
केंद्र से संबंधित अखिलेश सरकार की रिवर फ्रंट योजना 1513 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होनी है, लेकिन काम बहुत धीमा चल रहा है। इस परियोजना के तहत देश में पहली बार ईको-फ्रेंडली ग्रीन रिवर तैयार की जानी है। गोमती नदी रिवर फ्रंट का काम ईको फ्रेंडली ग्रीन थीम पर आधारित है। इसको लंडन की टेम्स नदी के आधार पर विकसित किया गया है। वहीं, आस्ट्रेलिया की तर्ज पर रिवर फ्रंट परियोजना में गोमती के किनारे पर स्टेडियम का निर्माण भी किया जा रहा है। इसके अलावा गोमती के किनारे पर जॉगिंग और साइकिलिंग ट्रैक भी बनाए गए हैं। साथ ही लोग गोमती नदी में बोटिंग का मजा भी लिया जा सकेगा।

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