लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य विधान परिषद की चार सीटों के लिए उपचुनाव की घोषणा के साथ ही तय हो गया है कि विधानमंडल के दोनों सदनों में से किसी का सदस्य बने बगैर पांच मंत्रियों में से एक की कुर्सी जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्रदेव सिंह और अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री मोहसिन रजा दोनों सदनों में से किसी के सदस्य नहीं हैं।
चुनाव आयोग ने परिषद की चार सीटों के लिए उपचुनाव की घोषणा की है। मंत्रियों को 19 सितम्बर तक किसी न किसी सदन का सदस्य हो जाना चाहिए। ऐसे में विधान परिषद की चार सीटों पर 15 सितम्बर को होने वाले उपचुनाव के जरिये केवल चार ही मंत्री अपनी कुर्सी बचा पाएंगे।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को केन्द्र में मंत्री बनाए जाने की अटकलें हैं। हालांकि, हाल ही में लखनऊ दौरे पर आए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इससे साफ इंकार किया था और कहा था कि मौर्य उत्तर प्रदेश में ही रहेंगे। उपमुख्यमंत्री बने रहेंगे और पार्टी को मजबूत करेंगे।
परिषद की चारों सीटें सपा के सदस्यों के इस्तीफे से खाली हुई हैं। आयोग की घोषणा के अनुसार 29 अगस्त से पांच सितंबर तक नामांकन किए जा सकेंगे। छह सितंबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी और आठ सितंबर को नामांकन वापसी हो सकेगी। आवश्यकता पड़ी तो 15 सितंबर को चुनाव होंगे।
आंकड़ों के मुताबिक भाजपा के सभी उम्मीदवारों का निर्विरोध चुना जाना तय है, क्योंकि इस चुनाव में विधानसभा के सदस्य मतदाता होते हैं और विधानसभा में भाजपा और उसके समर्थक दलों की संख्या 325 है। विधानसभा में कुल 404 सदस्य हैं जिसमें 403 निर्वाचित और एक मनोनीत होता है। (वार्ता)