1991 बैच के आईएएस अधिकारी रविवार को नोटबुक की जगह लेपटॉप के साथ फिर छात्र बन गए। कार्मिक राज्यमंत्री सुरेश पचौरी ने 106 आईएएस अधिकारियों के प्रशिक्षण सत्र का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती लोगों की बढ़ती आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रशासनिक व्यवस्था को प्रभावी बनाने की है। बेहतर प्रशासन आज एक नारा नहीं, बल्कि समय की जरूरत है।
अमेरिका के मैक्सवेल स्कूल व भारतीय प्रबंध संस्थान, बंगलोर के संयुक्त प्रयास से इन वरिष्ठ अधिकारियों के लिए पाठ्यक्रम निर्धारित किया गया है। छह सप्ताह की ट्रेनिंग मसूरी की आईएएस अकादमी में होगी, फिर दो सप्ताह के लिए ये सभी अधिकारी चीन यात्रा पर जाएँगे। अंत में एक सप्ताह की ट्रेनिंग दिल्ली में दी जाएगी। इस ट्रेनिंग में लोक प्रशासन के अंतरराष्ट्रीय अनुभवों से भी अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।
इस अवसर पर अमेरिका के मैक्सवेल स्कूल के प्रोफेसर विलियम सीलिवम ने कहा कि इस ट्रेनिंग का लक्ष्य सिखाना नहीं बल्कि एक-दूसरे से सीखना है। उनके अनुसार अमेरिका में भी मिड-कॅरियर ट्रेनिंग की कोई व्यवस्था नहीं है। शायद दुनिया में भारत पहला ऐसा देश है, जिसने इस दिशा में कदम उठाया है।