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कानून व्यवस्था से कोई समझौता नही:मायावती

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हमें फॉलो करें मुख्यमंत्री मायावती सर्वोच्च न्यायालय अयोध्या विवाद उत्तरप्रदेश कानून व्यवस्था

अरविंद शुक्ला

, बुधवार, 29 सितम्बर 2010 (18:01 IST)
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उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने सर्वोच्च न्यायालय की तीन जजों की बेंच द्वारा अयोध्या विवाद के बारे में दिए गए निर्णय के बाद कानून व्यवस्था से जुड़े वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की गुरुवार को एक आपात बैठक अपने निवास पर बुलाई, जिसमें उन्होंने कानून व्यवस्था की स्थिति की गहन समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने पुलिस एवं प्रशासन के सर्वोच्च अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी हालत में साम्प्रदायिक तत्वों को प्रदेश में अमन-चैन से खिलवाड़ करने की अनुमति न दी जाए और ऐसे तत्वों से सख्ती से निपटा जाए।

मुख्यमंत्री मायावती ने समीक्षा बैठक के दौरान सभी अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि 24 सितम्बर को हाईकोर्ट में आने वाले निर्णय के परिप्रेक्ष्य में जो सभी तैयारियाँ पुलिस एवं प्रशासन द्वारा की गई थीं और जिन्हें माननीय सर्वोच्च न्यायालय में 28 सितम्बर को इस प्रकरण से संबंधित सुनवाई तक यथावत लागू किए जाने के निर्देश दिए गए थे, उसी क्रम में पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी प्रदेश में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए उन्हीं दिशा निर्देशों के क्रम में आगे भी कार्यवाही सुनिश्चित करें।

मायावती ने कहा कि उनकी सरकार किसी भी हालत में प्रदेश में अमनचैन कायम रखने के लिए कटिबद्ध है और इसके लिए विगत लगभग दो माह से लगातार विभिन्न स्तरों पर कार्यवाही करके यह सुनिश्चित किया गया है कि उच्च न्यायालय के अयोध्या प्रकरण में निर्णय आने के पश्चात्‌ भी प्रदेश में हर हालत में अमनचैन कायम रहे।

उन्होंने सभी अधिकारियों को इस दृष्टि से पिछले महीने 18 अगस्त को विस्तृत निर्देश दिए थे जिन पर अब कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाय। उनसे यह भी अपेक्षा की कि उच्च न्यायालय द्वारा अयोध्या प्रकरण में घोषित किए जाने वाले निर्णय के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश में अमन चैन सुनिश्चित किया जाए।

मुख्यमंत्री ने 30 सितम्बर को उच्च न्यायालय द्वारा दिए जाने वाले निर्णय के परिप्रेक्ष्य में उच्च न्यायालय की इलाहाबाद एवं लखनऊ बेंच में सुरक्षा की दृष्टि से पुख्ता इंतजाम किए जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि सभी जिलों के पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि इस संवेदनशील प्रकरण की आड़ में असामाजिक तत्व कानून-व्यवस्था एवं साम्प्रदायिक सौहार्द को खराब न कर सकें।

उन्होंने प्रशासिनक एवं अभिसूचना तंत्र को भी पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण धार्मिक, सामाजिक व ऐतिहासिक स्थलों की हर मामले में कड़ी नजर रखी जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि शरारती तत्व अफवाह फैला कर लोगों को गुमराह न करने पए।

मुख्यमंत्री के आवास पर बुलाई गई इस आपात बैठक में प्रदेश के कैबिनेट सचिव, प्रमुख सचिव गृह कुंवर फतेहबहादुर, पुलिस महानिदेशक कर्मवीर सिंह, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था बृजलाल के अलावा अन्य वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे।

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