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गुलाब सिंह कटारिया के खिलाफ केस दर्ज

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मुम्बई , मंगलवार, 14 मई 2013 (23:47 IST)
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मुम्बई। सीबीआई ने सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ हत्या मामले में राजस्थान के वरिष्ठ भाजपा नेता गुलाब सिंह कटारिया और तीन अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के नजदीकी समझे जाने वाले गुजरात के पूर्व गृह मंत्री अमित शाह के बाद कटारिया दूसरे बड़े राजनेता हैं, जिनके खिलाफ इस कथित फर्जी मुठभेड़ में मामला दर्ज किया गया है।

सीबीआई ने कटारिया के अलावा आंध्रप्रदेश के महानिरीक्षक (गुप्तचर) एन. बालसुब्रमण्यम, आर के मार्बल के निदेशक विमल पटनी और आंध्रप्रदेश के अन्य पुलिस अधिकारी जी श्रीनिवास राव के खिलाफ हत्या, अपहरण, गलत ढंग से रोककर रखने और सबूत गायब करने से संबंधित धाराओं के तहत आरोप लगाया है।

मजिस्ट्रेटी अदालत ने सीबीआई द्वारा 500 पृष्ठों का पूरक आरोप-पत्र दायर किए जाने के बाद कटारिया और तीन अन्य को अपने समक्ष पेश होने के लिए समन जारी किए। उनके चार जून को अदालत में पेश होने की उम्मीद है।

सीबीआई ने 500 पृष्ठों के पूरक आरोप-पत्र में आरोप लगाया है कि शेख का ‘सफाया’ पटनी से 24 करोड़ रुपए की मांग करने के लिए किया गया। पटनी का अमित शाह से परिचय राजस्थान के तत्कालीन गृह मंत्री कटारिया ने कराया था।
उच्चतम न्यायालय ने गत वर्ष सोहराबुद्दीन हत्या मामले की सुनवाई गुजरात से महाराष्ट्र स्थानांतरित कर दी थी क्योंकि सीबीआई ने कहा था कि गवाहों को धमकाया जा रहा है। गुजरात में सुनवाई निष्पक्ष और स्वतंत्र तरीके से नहीं हो सकती।

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट एए खान ने अपने आदेश में कहा, ‘यह आरोपियों विमल पटनी, गुलाब चंद कटारिया, एन बालसुब्रमण्यम, जी श्रीनिवास राव के खिलाफ एक पूरक आरोप-पत्र है, जो कि पूर्व में दायर आरोप-पत्र के क्रम में दायर किया गया है..जो भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी जिसे 364 के साथ पढ़ा जाए, 365, 368, 341, 342, 302 और 201 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए मुम्बई स्थित विशेष अदालत को एक फरवरी 2013 को ही सौंपा गया था।
तदनुसार भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी जिसे 364 के साथ पढ़ा जाए, 365, 368, 341, 342, 302 और 201 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए संज्ञान लिया जाता है। अदालत ने आरोपियों को समन जारी किया और उन्हें चार जून 2013 को अपने समक्ष पेश होने का निर्देश दिया।

सीबीआई ने आरोप लगाया कि कटारिया पटनी और शाह के बीच सम्पर्क थे और उन्होंने ने ही पटनी का परिचय शाह से कराया था। जांच एजेंसी के अनुसार शेख ने कथित रूप से पटनी से 24 करोड़ रुपए की ‘रंगदारी’ मांगी थी। उसे मुठभेड़ में मारने के पीछे यही प्रमुख कारण था।

सीबीआई ने पूर्व में कहा है कि शेख कथित रूप से अपना उगाही का धंधा राजस्थान में फैलाना चाहता था। शेख ने अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए इस रंगदारी की मांग की थी।

सीबीआई के अनुसार पटनी से सम्पर्क में आने के बाद शाह ने गुजरात पुलिस की मदद से कथित रूप से मुठभेड़ अभियान की पूरी योजना बनाई। सीबीआई ने पूरक आरोप-पत्र में 40 नए गवाहों के बयान जोड़े हैं। कुछ गवाहों ने अपने बयान दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज करा दिए हैं।

गुजरात के आतंकवाद निरोधक दस्ते ने कथित रूप से शेख और उसकी पत्नी को हैदराबाद से अपहृत किया था और उसे दो नवम्बर 2005 को गांधीनगर के पास एक फर्जी मुठभेड़ में मार दिया था। (भाषा)

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