बिजली की चोरी से सरकार को तो नुकसान होता ही है और जो जरूरतमंद हैं, उन्हें बिजली मिल नहीं पाती है। हरियाणा में अब बिजली की चोरी आसान नहीं होगी। इसके लिए एक योजना शुरू की गई थी और चोरी की जानकारी देने वाला खासी अहमियत रखता है।
यह योजना चोरी की सूचना देने से संबंधित है। इसमें बिजली का वितरण करने वाला निकाय चोरी की सूचना देता है। इस तरह की जानकारी मिलने के बाद इस वितरण एजेंसी को करीब 2 करोड़ 10 लाख रु. दंड के रूप में प्राप्त हुए हैं। और तो और चोरी की जानकारी देने वाले भी रईस हो गए हैं। उन्हें करीब 5 लाख 55 हजार रु. मिले हैं।
किया क्या : दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने यह योजना शुरू की। इसके लिए करीब 6400 लोगों को जुटाया गया। वे निगम को आस-पड़ोस में कहीं भी हो रही बिजली चोरी की जानकारी देते रहते थे। यह जानकारी मुफ्त टेलीफोन सेवा पर भी दी जा सकती है। इसके लिए दो ई-मेल एड्रेस भी बनाया गया, जिन पर आसानी से जानकारी दी जा सकती है।
जो व्यक्ति जानकारी देता है, उसकी पहचान गुप्त रखी जाती है। इस व्यक्ति को एक खुफिया कोड नंबर भी दिया जाता है। किसी भी तरह की जानकारी मिलने पर इसे पुरस्कृत किया जाता है।
निगम ने इस तरह के करीब 1094 मामले पक़ड़े हैं। चोरी की जानकारी देने वाले करीब 176 लोगों को पुरस्कृत किया है। इसमें कम से कम पुरस्कार 1000 रु. और अधिकतम पुरस्कार 50,000 रु. का दिया जाता है। पुरस्कार की राशि चोरी के हिसाब से तय कर ली जाती है। (नईदुनिया)