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बीकानेर जेल में खूनी संघर्ष में तीन कैदियों की मौत

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बीकानेर , गुरुवार, 24 जुलाई 2014 (22:30 IST)
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बीकानेर। बीकानेर के केन्द्रीय कारागृह में कैदियों के बीच हुए खूनी संघर्ष में एक कैदी ने दूसरे की गोली मार कर हत्या कर दी, जबकि दो कैदियों की पीटकर और ईंट-पत्थर मारकर हत्या कर दी गई तथा चार कैदी घायल हो गए।

पुलिस उप महानिरीक्षक (जेल) दलिप जाखड ने बताया कि कैदियों की गैंगवार में कैदी जयप्रकाश ने कैदी बलवीर बानूडा की गोली मारकर हत्या कर दी। गैंगवार में अन्य कैदियों ने बलवीर बानूडा को गोली मारने वाले जयप्रकाश और रामपाल की ईंट-पत्थर मार-मार कर तथा पीट-पीट कर हत्या कर दी। तीनों ने जेल में ही दम तोड़ दिया।

उन्होंने बताया कि गैंगवार में चार अन्य कैदी घायल हो गए हैं, जिन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया है। कैदी जयप्रकाश ने देशी कट्टे से बलवीर बानूडा को गोली मारी, जिससे उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

जेल सूत्रों के अनुसार कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह को भी छर्रे लगे हैं। जाखड़ ने बताया कि गैंगवार के बाद केन्द्रीय कारागृह के बैरकों की सघन तलाशी अभियान चलाकर जांच की गई है। जेल सूत्रों के अनुसार केन्द्रीय कारागृह में कैदियों में गैंगवार की सूचना मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। कुख्यात और गैंगवार से जुड़े कैदियों को अलग-अलग बैरकों में बंद किया गया है।

गौरतलब है कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह और अन्य अपराधियों में लंबे समय से गैंगवार की सूचना मिल रही थी। सीकर जेल में भी आनंदपाल सिंह और कैदियों के दूसरे गुट में खूनी संघर्ष के बाद आनंदपाल सिंह समेत कई कैदियों को अन्य जेलों में स्थानांतरित किया गया था।

जाखड़ ने बताया, बैरक में अन्य हथियारों की खोजबीन की जा रही है और दूसरे गिरोह के सदस्यों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है, जिससे संभावित संघर्ष को रोका जा सके। बलबीर और आनंदपाल सिंह शेखावटी क्षेत्र में आने वाले सीकर, झुंझुनूं, चूरू और नागौर के कुछ हिस्सों में शराब माफिया के रूप में कुख्यात हैं।

बानूडा ने 2006 में जाट महासभा के नेता गोपाल फोगावट की हत्या कर दी थी और उस पर एक लाख का नकद इनाम घोषित किया गया था। जयपुर एसओजी ने 2012 में उसे 7.5 लाख रुपए नकद और एक सेमी ऑटोमेटिक पिस्तौल के साथ गिरफ्तार किया था। उसके कुछ महीनों बाद एटीएस और एसओजी ने आनंदपाल सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया था। उस पर भी एक लाख रुपए का इनाम घोषित था और उसे जयपुर के दूरस्थ इलाकों से एके-47 राइफल के साथ गिरफ्तार किया गया था।

जयप्रकाश और रामपाल विरोधी गिरोह के सदस्य थे, जिसे कुख्यात बदमाश राजू चलाता था। उसे सीकर में जनवरी में एक अन्य कैदी सुभाष मूंड ने गोली मार दी थी और घायल अवस्था में उसे जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में सुरक्षा कारणों के चलते सीकर जेल से जयपुर जेल में स्थानांतरित किया गया था। (भाषा)

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