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मध्यप्रदेश के बजट में कोई नया कर नहीं

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भोपाल , मंगलवार, 1 जुलाई 2014 (14:46 IST)
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भोपाल। मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने वित्त वर्ष 2014-15 में जहां जनता पर कोई नया कर नहीं लगाया है वहीं कृषि कार्य में उपयोग होने वाले 34 उपकरणों को कर-मुक्त कर दिया है। सरकार ने मक्खन, फ्लश डोर, सेरामिक एवं वेट्रीफाइड टाइल्स सस्ती करने के साथ ही तेंदूपत्ता परिवहन पर कर समाप्ति जैसी घोषणाएं की हैं। बजट में 13425 करोड़ रुपए के राजकोषीय घाटे का अनुमान है।

राज्य विधानसभा में वित्त मंत्री जयंत मलैया ने मंगलवार को अपना पहला बजट पेश करते हुए कहा कि राजकोषीय घाटे का यह अनुमान राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 2.98 प्रतिशत है जो मध्यप्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम 2005 द्वारा निर्धारित सीमा में है।

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष तक एक करोड़ रुपए से अधिक टर्नओवर वाले व्यवसायियों के लिए ही इलेक्ट्रॉनिक रिटर्न पेश करना आवश्यक था, लेकिन चालू वित्तीय वर्ष से सभी रिटर्न इलेक्ट्रानिक माध्यम से ही पेश करने की व्यवस्था की गई है।

इन बजट प्रावधानों की वजह से कृषि कार्य में उपयोग होने वाले जिन 34 कृषि उपकरणों को कर मुक्त किया गया है, उनमें थ्रेशर, कल्टीवेटर, पोटेटो डिगर, ग्राउंडनट डिगर, सीड ड्रिल, स्प्रेयर आदि शामिल हैं, वहीं इंड्रस्ट्रियल इनपुट में उपयोग होने वाले थर्मल इन्सुलेटर, कम्प्यूटर स्केनर, एक्स-रे फिल्म, मक्खन, सिलाई की सुइयां, फ्लश डोर, सेरामिक एवं व्रिटीफाईड टाइल्स पर वैट की दर 13 से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गई है।

मध्यप्रदेश सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के बजट में दान, विभाजन तथा व्यवस्थापन संबंधी रजिस्ट्री, जो परिवार के सदस्यों के पक्ष में हस्तांतरित की गई हैं, स्टॉम्प शुल्क के प्रभार को आधा करना प्रस्तावित किया है।

वित्त मंत्री मलैया ने कहा कि धर्म-कर्म में उपयोग की जाने वाली कई वस्तुओं को सरकार ने पहले ही कर मुक्त किया था, लेकिन इस बजट में वह घण्टा, घड़ियाल, घुंघरू, झांझ, मंजीरा, त्रिशूल, कमण्डल एवं देवी-देवताओं की मूर्तियों (सोने, चांदी एवं अन्य उत्तम धातुओं से बनी मूर्तियों को छोड़कर) को भी कर मुक्त करना प्रस्तावित किया है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस समय तेंदूपत्ता पर 25 प्रतिशत की दर से वैट देय है। इसके अतिरिक्त सड़क मार्ग से परिवहन की स्थिति में 25 प्रतिशत की दर से कर देय है। तेंदूपत्ता पर बढ़ी हुई दरों पर अधिरोपित किए जा रहे इन करों को देखते हुए इसके परिवहन पर लगाए जा रहे कर को समाप्त किया जाना प्रस्तावित है, जिससे चालू वित्तीय वर्ष में लगभग तीन करोड़ रपये की राजस्व हानि अनुमानित है।

मलैया ने कहा कि प्रदेश में निर्मित चार पहिया अथवा उससे अधिक पहिया वाहन के प्रदेश से बाहर बेचने पर देय केन्द्रीय विक्रय कर की दर दो से घटाकर एक प्रतिशत करना प्रस्तावित है तथा भारी माल वाहक वाहनों की बिक्री पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए मार्च 2015 तक के लिए प्रवेश कर से छूट दी जाएगी, जिससे लगभग पन्द्रह करोड़ रुपए की राजस्व हानि अनुमानित है। इसी प्रकार प्रदेश के बाहर से बेचने के लिए लाए जाने वाले सरिये पर प्रवेश कर की दर पांच से घटाकर पहले के समान दो प्रतिशत करने का भी प्रस्ताव है।

उन्होंने गर्भवती एवं दूध पिलाने वाली माताओं, किशोरियों एवं छह माह से तीन वर्ष के बच्चों को पूरक पोषण आहार की आपूर्ति पर अप्रैल 2010 से देय प्रवेश कर समाप्त करने का प्रस्ताव भी अपने बजट भाषण में किया है।

प्रदेश में कोयले के प्रवेश पर अब एक समान 3 प्रतिशत की दर ही लागू करने का प्रस्ताव किया गया है जिससे कुछ परिस्थितियों में कोयला महंगा हो सकता है।

वित्त मंत्री मलैया ने कहा कि प्रदेश में कोयले पर प्रवेश कर की अनुसूची-2 के अनुसार वर्तमान में कर की दर तीन प्रतिशत है, जबकि निर्माण में उपयोग करने पर इस पर कतिपय परिस्थितियों में केवल दो प्रतिशत ही कर का भार है, जिसे प्रवेश कर की अनुसूची-2 की दर तीन प्रतिशत के समान किया जाना प्रस्तावित है।

इससे चालू वित्तीय वर्ष में लगभग बीस करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व अनुमानित है। उन्होंने कहा कि गौण खनिजों पर लगने वाली रॉयल्टी एवं अनिवार्य लीज की दरों का पुनरीक्षण इस बजट में प्रस्तावित किया गया है, जिससे प्रतिवर्ष लगभग 80 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व सरकार को मिलेगा।

मलैया ने इस बात पर प्रसन्नता प्रकट की है कि वर्ष 2013-14 में अग्रिम अनुमानों के अनुसार मध्यप्रदेश के जीडीपी में 11.08 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई है, जो राष्ट्रीय जीडीपी की तुलना में दोगुना है।

उन्होंने कहा कि यह इस सरकार के कुशल वित्तीय प्रबंधन का ही परिणाम है कि पिछले आठ वषरे से प्रदेश, मध्यप्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रावधानों में निर्धारित राजकोषीय घाटे, राजस्व घाटे एवं कुल देय ऋण की सीमाओं में रहा है।

उन्होंने कहा कि लगातार राजस्व आधिक्य में रहने के कारण हमारी पूंजीगत खर्च के लिए रिण पर निर्भरता कम हुई है। आज प्रदेश पर राजस्व प्राप्तियों के रूप में ब्याज का भार केवल 6.7 प्रतिशत रह गया है, जो वर्ष 2003-04 में 22.44 प्रतिशत था।

वित्त मंत्री ने सरकार के दृष्टिपत्र-2018 का जिक्र करते हुए कहा कि इसके जरिए सरकार ने प्रदेश की विकास दर बढ़ाने एवं समावेशी विकास के नजरिए से अगले पांच वर्षों का रोडमैप रखा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014-15 का आज प्रस्तुत बजट इसी दृष्टिपत्र-2018 को लागू करने के प्रयास के तहत प्रावधान किए गए हैं। (भाषा)

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