क्या आप जानते है कि हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग क्या होती है? अगर नहीं तो अब जान लीजिए और खुद को भी परख लीजिए कि कही आप जाने-अनजाने हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग तो नहीं बन गए हैं।
हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग क्या है?
हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग यानि कि ऐसे अभिभावक जो बच्चों के ऊपर हेलीकॉप्टर की तरह मंडराते रहते हैं। बच्चों पर अत्यधिक कंट्रोल रखते हैं, उन पर जरूरत से दा ध्यान देते हैं, उन्हें ओवर प्रोटेक्ट करते हैं, उनके लिए अत्यधिक पजेसिव होते हैं और अधिकांश समय बच्चों के साथ ही रहते हैं। यहां तक कि ऐसे अभिभावक बच्चों को उनका पर्सनल स्पेस भी देना भूल जाते है।
आज के दौर में बच्चों को हर प्रकार से सही मार्गदर्शन देना जरूरी है, लेकिन हेलीकॉप्टर पेरेंट्स बच्चे के बेहद छोटे-छोटे कामों में भी हस्तक्षेप करते है और उनसे जुड़े छोटे-छोटे निर्णय भी खुद ही लेते हैं जैसे दोस्त चुनना, घूमने जाना, खेलना आदि।
आइए, जानते हैं कि हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग से बच्चे को क्या नुकसान हो सकते हैं -
1 ऐसे अभिभावक बच्चों के जूते के फीते बांधने से लेकर उनके खाने की प्लेट उठाना, लंच पैक करके देना आदि छोटे-छोटे काम खुद ही कर देते हैं। इससे बच्चे शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से आत्मनिर्भर नहीं बन पाते।
2 ऐसे अभिभावक बच्चे को अपनी बात कहने का मौका नहीं देते, क्योंकि दूसरों के सामने वे खुद ही बच्चे का पक्ष रख देते है। इससे आगे जाकर बच्चा किसी के सामने खुद अपनी बात को सही तरीके से रखना नहीं सीख पाता और कई बार चुनौती और असफलता हैंडल नहीं कर पाता।
3 ऐसे बच्चे विपरीत परिस्थितियों का सामना करना नहीं सीख पाते क्योंकि हर बुरी बला से बचाने के लिए मातापिता हर वक्त आपके आस-पास ही मौजूद रहते हैं।
4 ऐसे बच्चे अगर मातापिता की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर पाते तो उनके डिप्रैशन में जाने की आशंका अधिक रहती है।
5 ऐसे बच्चे सफल होने का श्रेय कभी स्वयं नहीं ले पाते क्योंकि सफलता उन्हें मातापिता की बदौलत मिलती है।