महिला एवं पुरुषों में कुछ ऐसी आदतें होती हैं, जो कॉमन होती हैं। जैसे कि अधिकांश महिलाएँ व्यवस्थित कामकाज पसंद करती हैं वहीं पुरुष इधर की चीज उधर पटकने के आदी होते हैं। कई बार हम आशा करते हैं कि काश हमारा लाइफ पार्टनर या दोस्त अपनी इस आदत को सुधार ले तो उसमें कोई कमी नहीं होगी। पुरुषों में कई ऐसी आदतें होती हैं, जिनसे महिलाएँ अक्सर परेशान रहती हैं। हम आपको बताते हैं पुरुषों की कुछ ऐसी ही कॉमन आदतें।मैं जो करता हूँ वो सही है :- अहम् भाव पुरुषों में सर्वाधिक होता है। हर बात में तर्क करना व हमेशा अपने को ही सर्वश्रेष्ठ बताना पुरुषों की पुरानी आदत होती है। किसी की सुनने की बजाय अपनी ही राय का फतवा जारी करना इनके स्वभाव में होता है, जिससे हर महिला परेशान रहती है। |
कई मामलों में महिलाओं की अपेक्षा पुरुष अधिक धैर्यशील होते हैं। महिलाएँ जहाँ भावनात्मक होती हैं, वहीं पुरुष गंभीर प्रवृत्ति के होते हैं। पुरुष अपने ज़ज्बातों को जाहिर करने से कतराते हैं। पुरुष रोते भी हैं तो अकेले में। |
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तुम्हारी दाढ़ी क्यों बढ़ रही है :-
हमेशा व्यवस्थित रहने वाले पुरुष कभी-कभी अचानक देवदास बन जाते हैं और दाढ़ी बढ़ाने लगते हैं। हर रोज शेविंग करने वाले पुरुषों की दाढ़ी बढ़ना अचानक उनके लुक को चेंज कर देती है।
इससे वे सुस्त-सुस्त और उदास लगने लगते हैं। अक्सर महिला-पुरुषों का झगड़ा इस बात पर होता कि अब ये स्वयं को लेकर बड़े लापरवाह हो चुके हैं।
अब कहाँ गईं वो तारीफें :-
शादी के पहले अपनी गलफ्रेंड की तारीफों के पुल बाँधने वाले पुरुष शादी के बाद धीरे-धीरे बदलने लगते हैं। अब पत्नी के प्रति उनका व्यवहार बदल-सा जाता है। पत्नी की तारीफ तो दूर वे उससे सीधे मुँह बात भी नहीं करते। तभी तो पत्नियाँ अक्सर अपने पतियों से ये शिकायत करती हैं कि अब आप मुझमें रुचि क्यों नहीं लेते? अब आपका वह प्यार कहाँ खो गया?
हमेशा भागते रहते हो :-
पुरुषों की आदत हमेशा भागमभाग में काम करने की होती है। जब उन्हें वक्त पर कोई चीज नहीं मिलती, तो वे पूरा घर सिर पर उठा लेते हैं। ऑफिस से घर आकर अपनी जुराबें इधर-उधर फेंकना, जरूरी कागजातों को रखकर भूल जाना आदि पुरुषों की आम आदतें होती हैं, जो महिलाओं के लिए परेशानियों का कारण बनती है। कई बार ऐन वक्त पर ताबड़तोड़ काम करके भागने के चक्कर में काम बिगड़ जाता है। ऐसे में फिर हमेशा की तरह पुरुष अपनी पत्नियों पर दोषारोपण करते हैं।
तुम बताओ आखिर क्या बात है :-
कई मामलों में महिलाओं की अपेक्षा पुरुष अधिक धैर्यशील होते हैं। महिलाएँ जहाँ भावनात्मक होती हैं, वहीं पुरुष गंभीर प्रवृत्ति के होते हैं। पुरुष अपने ज़ज्बातों को जाहिर करने से कतराते हैं। पुरुष रोते भी हैं तो अकेले में। आखिर अपने जीवनसाथी से ही अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करने में यह झिझक कैसी?
पुरुष अगर अपनी कुछ बुरी आदतों में बदलाव कर दें तो वे घर की महिला के दिल पर राज कर सकते हैं। इनके कुछ अव्यवस्थित कामकाज व बदला व्यवहार ही घर की महिलाओं का सिरदर्द बनता है। तो क्यों न अपने व्यवहार में परिवर्तन लाकर आप सबका दिल जीत लें।