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प्रतिशत से अधिक अमेरिकी स्टूडेंट्स में फ्रेंड्स विथ बेनेफिट्स (एफडब्ल्यूबी) प्रचलित है। उन स्टूडेंट्स की संख्या भी कम नहीं है, जो कभी न कभी इस तरह की रिलेशनशिप में रहे हैं। इस तरह की दोस्ती का अर्थ है, जब तक दिल करे दोस्त से सेक्सुअल रिलेशनशिप बनाओ और जब चाहो तोड़ दो। जाहिर है कि इस तरह की रिलेशनशिप बहुत लोकप्रिय हो रही है।
हमारे देश में अभी इस तरह के केसेस सामने नहीं आ रहे हैं, क्योंकि खुलेतौर पर स्टूडेंट्स सामने नहीं आते। इस तरह की रिलेशनशिप में दो तरह की दोस्ती के रूप सामने आ रहे हैं। एक ऐसी दोस्ती भी है जिसमें किसी अपरिचित 'दोस्त' के साथ एक रात बिताई और फिर कभी नहीं मिले। दूसरी बड़ी संख्या ऐसे दोस्तों की भी है, जो एक-दूसरे को बरसों से जानते हैं लेकिन रोमांटिक रिलेशनशिप नहीं बनाना चाहते। कुछ समय के लिए सेक्सुअल रिलेशनशिप हो गई और कोई डोर बंधी भी नहीं रही। इस तरह की रिलेशनशिप के नुकसान अधिक हैं। फायदों के नाम पर यौनानंद हासिल करने के सिवाय कुछ और नहीं है। वेलेंटाइन-डे पर युवा इस तरह का दुःसाहस भी कर बैठते हैं जिसके लंबे समय में कई दुष्परिणाम होते हैं।
ऐसी दोस्ती जिसमें कमिटमेंट नहीं...
एफडब्ल्यूबी में जैसा कि नाम से ही जाहिर है 'जिससे फायदा मिले उससे दोस्ती' स्वार्थ के लिए ही की जा रही है। इसमें दो दोस्त न तो लवर हैं और न उन्होंने एक-दूसरे से कोई कमिटमेंट ही किया है। कई बार एक-दूसरे को टेस्ट करने के लिए भी इस तरह की रिलेशनशिप बनाई जाती है जिसमें कमिटमेंट न हो।
कमिटमेंट नहीं करने के पीछे यह तर्क दिया जाता है कि किसी गलत इंसान को कमिट कर दिया तो उस कमिटमेंट का बोझ लंबे समय तक ढोना पड़ता है। यौनानंद, स्खलन, कंपेनियनशिप या सपोर्ट की चाहत ही इस तरह के रिलेशनशिप में जाने के लिए बाध्य करती है। बेहतर व्यक्ति के साथ रिलेशनशिप का इंतजार करते हुए भी ऐसी दोस्तियां कर ली जाती हैं।
बहुत कम लोगों की दोस्तियां लंबे समय तक चलती हैं...
जो दोस्ती स्वार्थ के आधार पर टिकी हो उसका अंत भी जल्दी हो जाता है। अमेरिका में इस विषय पर हुए सर्वेक्षण के मुताबिक एफडब्ल्यूबी रिलेशनशिप में शामिल कपल में से केवल 10 से 20 प्रतिशत ही लंबे समय की रोमांटिक दोस्तियों में तब्दील हो पाते हैं। कोई लड़की फ्रेंड्स विथ बेनेफिट्स रिलेशनशिप में इसलिए आना चाहेगी, क्योंकि उसे पुरुष दोस्त द्वारा दी जा रही सुरक्षा और देखभाल पसंद है। लेकिन जब इस रिश्ते में कुछ समय के बाद सेक्स की आग ठंडी पड़ने लगती है तब यही दोस्ती बोझ लगने लगती है।
अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ लुइसविले, कैन्टकी के डॉ. जैस ओवेन द्वारा किए गए एक शोध अध्ययन के मुताबिक फ्रेंड्स विथ बेनेफिट्स जैसी दोस्तियां सेक्सुअल टेंशन समाप्त होते ही खत्म हो जाती हैं। यह होना स्वाभाविक भी है, क्योंकि बिना प्रेम के बनाया गया सेक्सुअल रिलेशनशिप थोड़े समय बाद ऊबा देता है। दोनों पार्टनर अपने हिस्से की यादें लिए अलग हो जाते हैं। सेक्स बेस्ड रिलेशनशिप के मुकाबले प्रेम और रोमांस की नींव पर खड़ी की गई रिलेशनशिप लंबे समय तक टिकी रहती है, क्योंकि इसमें दोनों के बीच अंतरंगता और एक समान रुचियां कायम रहती हैं।
सेक्स, अंत कर देता है दोस्ती का
कई बार देखा गया है कि भावनाओं के तूफान में बहकर बनाए गए सेक्सुअल रिलेशनशिप के बाद अच्छी-खासी दोस्ती हमेशा के लिए टूट जाती है। इसलिए यह ध्यान रखें कि यदि आपके लंबे और सशक्त रिलेशनशिप में अब तक सेक्स नहीं आया है तो यह अच्छी बात है।
सेक्सुअल रिलेशनशिप बहुत संवेदनशील मुद्दा है। यह सिर्फ दो शरीर के बीच की नहीं, बल्कि दो दिलों की बात बन जाती है। याद रखें कि इंसानों और जानवरों के सेक्सुअल बिहेवियर में बड़ा फर्क है। इंसान हमेशा यौन संबंधों में भावनात्मक जुड़ाव की अपेक्षा करता है, क्योंकि उसका स्वभाव ही ऐसा है।
(लेखक एमजीएम मेडिकल कॉलेज, इंदौर के मनोरोग विभाग में कार्यरत हैं)