अपनी सहेली रचना को अपने घर के दरवाजे पर देखकर आरती ने बनावटी हंसी से उसका स्वागत किया। रचना को एक पल तो समझ नहीं आया क्योंकि छह माह पहले ही उसने इठलाती, इतराती नवयौवना आरती को देखा था। शादी के जोड़े में तो वह बला की खूबसूरत लग रही थी। आखिर उसके मुखड़े पर उदासी के बादल क्यों? जबकि शादी के बाद तो उसमें और निखार आना चाहिए था। जहां यौवन का वसंत अंगड़ाइयां ले रहा था, वहां पतझड़ की निराशा क्यों?
रचना के मन रह-रहकर ऐसे ही कई सवाल कौंध रहे थे। वह उचित समय के इंतजार में थी। समय पाकर उसने पूछा- आखिर तुझे हो क्या गया है? वह अपनी सखी के सामने फूट-फूटकर रो पड़ी। उसने कहा- मेरे पति सेक्स के दौरान मुझे बहुत प्रताड़ित करते हैं। मुझे नोंचते हैं, ठंडे फर्श पर उल्टा लिटा देते हैं, गुप्तांगों से पीड़ादायक छेड़छाड़ करते हैं इतना ही नहीं वे मेरे स्तनों को बुरी तरह अपने दांतों से काटते हैं। कई बार तो उनमें खून निकल आता है। यह पीड़ा मेरे लिए किसी नर्क से कम नहीं। कई बार तो मेरे अंदर आत्महत्या तक का विचार आता है। अब तू ही बता मैं क्या करूं? तो क्या इलाज है इस भयानक बीमारी का, कैसे पहचाने सैडिज़्म के लक्षणों को, अगले पन्ने पर....
यूं तो इस तरह की घटनाएं बहुत कम होती हैं, लेकिन पीड़ित पक्ष एक तरह से नर्क ही भोगता है। इस तरह के लोग दरअसल, मानसिक बीमारी से ग्रस्त होते हैं। इन्हें विज्ञान की भाषा में 'सैडिस्ट' कहा जाता है। दरअसल, इस तरह के लोगों को दूसरे को तकलीफ देकर खुशी मिलती है। मार्क्विस द साद (1740-1814) के उपन्यासों में वर्णित कथानकों के आधार पर इस सेक्स विकृति का नाम 'सैडिज्म' पड़ा।
सेक्सोलॉजिस्ट और सेक्स थैरपिस्ट डॉ. महेश नवाल का इस संबंध में मानना है कि सैडिज्म का शिकार कोई भी हो सकता है। वह पुरुष भी हो सकता है और महिला भी। उनके अपने पार्टनर की इस तरह की हरकतों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि शुरुआती दौर में उनकी प्रताड़ना कम होती है, लेकिन धीरे-धीरे वह बढ़ती जाती है। तो कैसे करवाएं इस रोग से पीड़ित का इलाज, अगले पन्ने पर...
आरती जैसी महिलाओं को शुरुआती दौर में ही अपने पति या प्रेमी की हरकतों पर लगाम लगाने का प्रयास करना चाहिए। उन्हें चाहिए कि वे अपने पार्टनर को किसी मनोचिकित्सक को दिखाएं क्योंकि ऐसे लोग सामान्य नहीं होते। आत्महत्या का विचार मन में लाने से अच्छा है कि समस्या का समाधान ढूंढ़ें। इस संबंध में आप अपने परिजनों और पुलिस की मदद ले सकती हैं। क्या होते हैं सैडिज्म के लक्षण, जानें अगले पन्ने पर...
सैडिज्म के लक्षण :
* इस तरह के व्यक्ति में दूसरे को कष्ट पहुंचाकर ही यौन उत्तेजना पैदा होती है।
* इस तरह का व्यक्ति शारीरिक और मानसिक दोनों ही तरह की समस्याओं से ग्रस्त होता।
* इस तरह का व्यक्ति नींद संबंधी समस्या से भी ग्रस्त हो सकता है।
* इस तरह का व्यक्ति यौन संबंध कल्पना (सेक्सुअल फैंटसी) लोक में विचरण करता है। इतना ही उन कल्पनाओं वास्तविकता के धरातल पर लाने के लिए वह किसी हद तक चला जाता है।
* इस तरह के व्यक्ति अपने सेक्स पार्टनर को शारीरिक और मानसिक यातना देने में सुकून मिलता है।
* यदि किसी व्यक्ति में सेक्सुअल सैडिज्म के लक्षण दिखाई दें तो प्रारंभिक अवस्था में उसका उपचार करवाना चाहिए अन्यथा धीरे-धीरे स्थिति घातक हो जाती है।
* आमतौर पर सैडिज्म की समस्या पुरुषों के साथ होती है, लेकिन कुछ मामलों में औरतें भी इस समस्या से पीड़ित हो सकती हैं।
* एब्नॉर्मल सेक्सुअल बिहेवियर की सबसे बड़ी समस्या यह भी है इससे पीड़ित व्यक्ति अपनी परेशानी का जिक्र किसी से नहीं करता और धीरे-धीरे उसकी समस्या और बढ़ती जाती है। विशेषज्ञ ऐसा मानते हैं कि कम उम्र में अश्लील साहित्य और पोर्न फिल्में देखने से इस तरह विकृति आ सकती है। क्या हैं इस बीमारी का उपचार, अगले पन्ने पर...
क्या हैं उपचार : सेक्सुअल सैडिज्म का समय रहते उपचार जरूरी है। इसके लिए आवश्यक है कि किसी ऐसे एक्सपर्ट की सलाह ली जाए, जिसे सैक्सुअल सैडिज्म के उपचार में विशेषज्ञता हासिल हो। इस तरह के व्यक्ति को भावनात्मक सपोर्ट की भी जरूरत होती है। इस तरह के रोगियों के लिए ऑनलाइन उपचार की भी सुविधाएं मौजूद हैं।