युवाचार्य महाश्रमण का पदाभिषेक
जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्मसंघ के 11वें आचार्य महाश्रमण का रविवार को चुरू जिले के सरदारशहर कस्बे में परंपरागत ढंग से पदाभिषेक किया गया। मुनि सुमेरमल ने संपूर्ण धर्मसंघ की ओर से आचार्य महाश्रमण को उत्तरीय ओढ़ाया तथा जैन श्रावक और श्राविकाओं ने अपने गुरु की अभिवंदना की। सरदारशहर के गाँधी विद्या मंदिर में आयोजित पदाभिषेक समारोह में पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राजनाथसिंह, पूर्व सांसद महेश शर्मा सहित देशभर से आए श्रावक-श्राविकाएँ उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि अहिंसा यात्रा के प्रवर्तक व श्वेतांबर तेरापंथ के दसवें आचार्य महाप्रज्ञ का गत नौ मई को देवलोकगमन होने के बाद युवाचार्य महाश्रमण को उनका उत्तराधिकारी घोषित किया गया था। तेरापंथ के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी आचार्य का उनकी जन्मभूमि में ही पदाभिषेक किया गया है। महाश्रमण का जन्म सरदारशहर कस्बे में 1962 में हुआ था। पाँच मई 1974 को महाश्रमण ने जैन तेरापंथ की दीक्षा ली थी तथा पाँच सितंबर 1997 को आचार्य महाप्रज्ञ ने उन्हें युवाचार्य की उपाधि प्रदान की थी। 14
सितंबर 1989 को उन्हें महाश्रमण की उपाधि से नवाजा गया। पदाभिषेक समारोह में उपस्थित उपप्रधानमंत्री आडवाणी ने कहा कि अणुव्रत आंदोलन ने देश में नैतिक मूल्यों की स्थापना के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है।