मुंबई। 10 दिनों का गणेश चतुर्थी उत्सव सोमवार को गणपति की मूर्तियों के शांतिपूर्ण ‘विसर्जन’ के साथ समाप्त हो गया और लाखों लोगों ने विघ्नहर्ता को विदाई दी। उत्सव का सबसे बड़ा आकर्षण ‘लालबागचा राजा’ की गणेश प्रतिमा भी विर्सजित कर दी गई।
विसर्जन की प्रक्रिया रविवार तड़के शुरू हो गई थी और सोमवार सुबह समाप्त हुई। इस दौरान धूमधड़ाके के साथ और कड़ी सुरक्षा के बीच 50,000 से अधिक मूर्तियां विर्सजित की गईं।
बृहन्मुंबई महानगरपालिका के एक बयान के अनुसार सोमवार सुबह 7 बजे तक कुल 50,250 मूर्तियां विर्सजित की गईं। ये मूर्तियां पहले से निर्धारित प्राकृतिक एवं मानवनिर्मित स्थलों पर विर्सजित की गईं जिनमें गिरगांव चौपाटी, जुहू बीच, पवई झील, दादर, मढ जेट्टी, मार्वे जैसी बड़े स्थल शामिल थे।
इनमें 9,714 ‘सार्वजनिक’ मूर्तियां, 40,302 ‘घरगुती’ मूर्तियां और 234 ‘गौरी’ मूतियां शामिल थीं जिन्हें शहर और उसके उपनगरीय इलाकों में 712 प्राकृतिक स्थलों और 26 मानवनिर्मित स्थलों पर विसर्जित किया गया। विज्ञप्ति के अनुसार कुल 2,557 मूर्तियों को मानवनिर्मित झीलों में विसर्जित किया गया।
महानगरपालिका, मुंबई पुलिस, दमकल विभाग, एसआरपीएफ (राज्य रिजर्व पुलिस बल), आईटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) ने बड़े पैमाने पर होने वाले विसर्जन के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की थी। (भाषा)