तिरुपति। तिरुमला के निकट भगवान वेंकटेश्वर के प्रसिद्ध मंदिर में इस बार 2 महीने में अंतराल में दो ‘ब्रह्मोत्सव’ आयोजित किए जाएंगे जिनमें से पहला उत्सव कड़ी सुरक्षा के बीच आगामी बुधवार को शुरू होगा।
9 दिनों तक मनाए जाने वाले इस भव्य वार्षिक ब्रह्मोत्सव में भाग लेने के लिए देशभर से हजारों-लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं। इस उत्सव के दौरान भगवान वेंकटेश की भव्य रथयात्रा निकाली जाती है।
श्रद्धालुओं की भीड़ सबसे महत्वपूर्ण 'गरूड़ सेवा' में सबसे अधिक होती है और उत्सव के 5वें दिन रात में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में 3 से 4 लाख श्रद्धालु भाग लेते हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने सोमवार को बताया कि मंदिर के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। कई स्थानों पर कैमरे लगाए गए हैं।
मंदिर के उपकार्यकारी अधिकारी चिन्नमगरी रमण ने कहा कि हिन्दू चंद्र कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष 12 महीनों के बजाए ‘आधिका मासम्’ (अतिरिक्त 13वां महीना) के कारण 2 'ब्रह्मोत्सव' हैं। पहला आयोजन ‘सलकतला ब्रह्मोत्सवम्’ 16 सितंबर और दूसरा ‘नवरात्रि ब्रह्मोत्सवम’ 14 अक्टूबर से शुरू होगा। मांगलिक ‘गरूड़ सेवा’ कार्यक्रम क्रमश: 20 सितंबर और 18 अक्टूबर को आयोजित किया जाएगा।
अधिकारी ने बताया कि तिरुमला और मंदिर तक जाने वाले 10 किलोमीटर के सीढ़ियों वाले रास्ते और वाहनों की आवाजाही वाले 22 किलोमीटर के रास्ते में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
तत्कालीन मुख्यमंत्री एम. चेन्ना रेड्डी द्वारा शुरू की गई 4 दशक पुरानी परंपरा के अनुसार आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू उत्सव के शुरुआती दिन यहां पहुंचकर राज्य सरकार की ओर से मंदिर को नए रेशमी कपड़े भेंट करेंगे। (भाषा)