नई दिल्ली। सुरक्षा के मद्देनजर अमरनाथ यात्रा क्षेत्र को नो फ्लाइंग जोन घोषित कर दिया गया है। इसके बाद गृह विभाग की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि यात्रा मार्ग वाले क्षेत्र में मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी), ड्रोन, गुब्बारे सहित किसी भी प्रकार की हवाई उड़ान पर प्रतिबंध रहेगा। इस आदेश के बाद से पारंपरिक बालटाल और पहलगाम ट्रैक पर यात्रियों के लिए हेलिकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध नहीं होंगी। तीर्थ यात्रियों को पवित्र गुफा तक या तो पैदल जाना होगा या फिर टट्टू या पालकी के माध्यम से पहुंचना होगा। यह पहली बार है कि जब पूरी यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को हेलिकॉप्टर सेवा नहीं मिलेगी। यह सुरक्षा निर्देश 01 जुलाई से 10 अगस्त तक लागू रहेंगे।
उमर अब्दुल्ला ने फैसले पर उठाए सवाला:
इस फैसले को लेकर सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, अमरनाथ यात्रा अच्छी बात है. हम भी चाहते हैं कि अमरनाथ यात्रा सही तरीके से हो जाए। सिर्फ एक बात थोड़ी सी अजीब लग रही है कि इस बार हेलीकॉप्टर सर्विस की इजाजत नहीं दी जा रही है। इसका भी गलत मैसेज बाकी देशों में जा रहा है। सीएम ने आगे कहा, अब मेरे पास इंटेलिजेंस इंपुट तो है नहीं जिसकी बुनियाद पर यह फैसला लिया गया, लेकिन मैं सोचता हूं कि इतने सालों के बाद यह पहली बार है कि पहलगाम और बालटल से हेलीकॉप्टर की इजाजत नहीं दी जा रही है। जम्मू-कश्मीर के हवाले से इसका गलत मैसेज बाकी देशों में नहीं जाना चाहिए।
सुरक्षा चाक-चौबंद:
पहलगाम में आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद पड़ रही पहली अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की जा रही है। इसी के मद्देनजर क्षेत्र को नो फ्लाइंग जोन घोषित किया गया है। श्री अमरनाथ यात्रा मार्ग की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत बनाने के उद्देश्य से एक जुलाई से 10 अगस्त तक पूरा यात्रा मार्ग नो फ्लाइंग जोन रहेगा।
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान सीमा पार से बड़ी संख्या में भारतीय क्षेत्र में ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था, जिसे भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने ध्वस्त कर दिया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुरक्षा के मद्देनजर यात्रा मार्ग को नो फ्लाइंग जोन घोषित करने की सलाह दी है। इस पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा जम्मू-कश्मीर गृह विभाग को यात्रा मार्ग को उड़ान निषिद्ध क्षेत्र घोषित करने का आदेश दिया था। चिकित्सा निकासी, आपदा प्रबंधन और सुरक्षाबलों की निगरानी पर नो फ्लाइंग जोन का प्रतिबंध लागू नहीं होगा। ऐसी आपदाओं के लिए एक विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की जाएगी।
अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी। यात्रा के पारंपरिक पहलगाम मार्ग नुनवान बेस कैंप से करीब 32 किलोमीटर और बालटाल मार्ग बेस कैंप से 14 किलोमीटर की दूरी पर बाबा बर्फानी का दरबार है। सुरक्षा के ही मद्देनजर अमरनाथ यात्रा में केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों (सीएपीएफ) की 580 कंपनियों को तैनात किया जा रहा है। अब तक 3.5 लाख यात्री अग्रिम यात्री पंजीकरण करवा चुके हैं।
जम्मू के भगवती नगर स्थित यात्री निवास और अन्य स्थानों से प्रत्येक दिन जेकेएसआरटीसी (जम्मू कश्मीर स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन) की करीब 100 बसें कश्मीर के लिए रवाना हुआ करेंगी। इस जत्थे में बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों से यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के वाहन होते हैं। ये बसें एसी और गैर एसी दोनों तरह की होती हैं। पिछले साल जम्मू से बालटाल रूट के लिए गैर एसी बस का किराया 653 रुपये और एसी बस का 818 रुपये निर्धारित था। वहीं, पहलगाम से सेमी डीलक्स बस के लिए 404 रुपएये, गैर एसी बस सुपर डीलक्स के लिए 553 और एसी बस के लिए 840 रुपए निर्धारित किया गया था।