* श्रीमद्भगवद्गीता एक दिव्य ग्रंथ है। गीता मरना सिखाती है, जीवन को तो धन्य बनाती ही है। यह हमें पलायन से पुरुषार्थ की ओर अग्रसर होने की प्रेरणा देती है।
* श्रीमद्भगवद्गीता हिन्दुओं के पवित्रतम ग्रंथों में से एक है।
* श्रीमद्भगवद्गीता की पृष्ठभूमि महाभारत का युद्ध है।
* श्रीमद्भगवद्गीता के 18 अध्याय हैं और महाभारत का युद्ध भी 18 दिन ही चला था।
* अर्जुन को भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था।
* गीता जयंती मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी को मनाई जाती है।
* गीता एकमात्र ऐसा ग्रंथ है, जिसकी जयंती मनाई जाती है। इस बार गीता के प्रवचनों की 5151वीं जयंती मनाई जा रही है।
* गीता में कर्तव्य को ही धर्म कहा है। भगवान कहते हैं कि अपने कर्तव्य को पूरा करने में कभी भी लाभ-हानि का विचार नहीं करना चाहिए।
* गीता के 700 श्लोकों में हर उस समस्या का समाधान है, जो हर इंसान के सामने कभी न कभी आती हैं।
* गीता केवल धर्म ग्रंथ ही नहीं यह एक अनुपम जीवन ग्रंथ है। जीवन उत्थान के लिए इसका स्वाध्याय हर व्यक्ति को करना चाहिए।