Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

धैर्य और संयम सफलता की सीढ़ी

- अतुल केकरे

Advertiesment
हमें फॉलो करें धैर्य और संयम
ND

जब मन इन्द्रियों के वशीभूत होता है, तब संयम की लक्ष्मण रेखा लाँघे जाने का खतरा बन जाता है, भावनाएँ बेकाबू हो जाती हैं, असंयम से मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है, इंसान असंवेदनशील हो जाता है, मर्यादाएँ भंग हो जाती हैं। इन सबके लिए मनुष्य की भोगी वृत्ति जिम्मेदार है।

भौतिक सुख-सुविधाएँ, जबर महत्वाकांक्षाएँ, तेजी से सब कुछ पाने की चाहत मन को असंयमित कर देती है जिसके कारण मन में तनाव, अवसाद, संवेदनहीनता, दानवी प्रवृत्ति उपजती है फलस्वरूप हिंसा, भ्रष्टाचार, अत्याचार, उत्पीड़न, घूसखोरी, नशे की लत जैसे परिणाम सामने आते हैं। काम, क्रोध, लोभ, ईर्ष्या असंयम के जनक हैं व संयम के परम शत्रु हैं। इसी तरह नकारात्मक प्रतिस्पर्धा आग में घी का काम करती है।

असल में सारे गुणों की डोर संयम से बँधी होती है। जब यह डोर टूटती है तो सारे गुण पतंग की भाँति हिचकोले खाते हुए व्यक्तित्व से गुम होते प्रतीत होते हैं। चंद लम्हों के लिए असंयमित मन कभी भी ऐसे दुष्कर्म को अंजाम देता है कि पूर्व में किए सारे सद्कर्म उसकी बलि चढ़ जाते हैं। असंयम अनैतिकता का पाठ पढ़ाता है। अपराध की ओर बढ़ते कदम असंयम का नतीजा हैं। इन्द्रियों को वश में रखना, भावनाओं पर काबू पाना संयम को परिभाषित करता है। इंसान को इंसान बनाए रखने में यह मुख्य भूमिका अदा करता है।

विवेक, सहनशीलता, सद्विचार, संवेदनशीलता, अनुशासन, संतोष संयम के आधार स्तंभ हैं। धैर्य और संयम सफलता की पहली सीढ़ी हैं। अच्छे संस्कार, शिक्षा, सत्संग आदि से विवेक को बल मिलता है। मेहनत, सेवाभाव, सादगी से सहनशीलता बढ़ती है। चिंतन, मंथन आदि से विचारों का शुद्धिकरण होता है। प्रभु की प्रार्थना, भक्ति से मनुष्य संवेदनशील हो जाता है। दृढ़ निश्चय से जिंदगी अनुशासित होती है।

अध्यात्म वह यज्ञ है जिसमें सारे दुर्गणों की आहुति दी जा सकती है एवं गुणों को सोने-सा निखारा जा सकता है। आधुनिक दौर में भोग से योग की ओर लौटना मुश्किल है, लेकिन दोनों में संतुलन बनाए रखना नितांत आवश्यक है। आज जीवनशैली व दिनचर्या में बदलाव की दरकार है। मनुष्य में देव और दानव दोनों बसते हैं अतः हम भले ही देव न बन पाएँ, लेकिन दानव बनने से हमें बचना चाहिए।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi