Ahilya bai holkar jayanti

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

भगवान करते हैं संकट दूर

जप-तप भगवद प्राप्ति के साधन

Advertiesment
हमें फॉलो करें परमात्मा
ND

परमात्मा घट-घट के वासी हैं। समस्त धर्मग्रंथों एवं संत महापुरुषों का यही कथन है कि परमात्मा सबके हृदय मंदिर में निवास करते हैं। जैसे तिल में तेल, मेहंदी में लाली, दूध में घी छिपा रहता है, उसी तरह परमात्मा सबके हृदय में व्याप्त हैं। भक्ति बहुत हो और विवेक न हो तो वह पूर्ण भक्ति नहीं कहलाती। भक्ति और ज्ञान दोनों का मिलन होने पर वैराग्य निकलता है।

जैसे कपड़े के धोने पर उसका मैल छूट जाता है। वैसे ही शरीर रूपी वस्त्र को ज्ञान और भक्ति से जब शुद्ध करते हैं तो दुर्गुण रूपी मैल नष्ट हो जाता है। मनुष्य को जीवन में सदा परमात्मा को याद करते रहने चाहिए, जिससे संकट पैदा नहीं होते।

सारे संसार को भगवान ने धारण कर रखा है। राष्ट्र, समाज, परिवार और व्यक्ति का भार भगवान ने उठा रखा है। भगवान का जन्म धर्म की स्थापना के लिए और अधर्म का विनाश करने के लिए हुआ है। मनुष्य का अंतिम सहारा भगवान ही होता है। व्यक्ति पर जब कोई भी संकट होता है तो वह केवल और केवल भगवान की शरण में ही जाता है। मनुष्य को नित्य भगवान की पूजा-अर्चना करते रहना चाहिए।

webdunia
WD
व्यक्ति अज्ञान व अहंकार को छोड़ दे तो वह अपना जीवन सुख-शांति से व्यतीत कर सकता है। व्यक्ति को प्रभु की कृपा का अनुभव करते रहना चाहिए। समाज व राष्ट्र के लिए सबको अपना-अपना योगदान देना चाहिए। मनुष्य को जीवन में हमेशा अच्छे लोगों का ही साथ देना चाहिए।

मनुष्य जीवन में उत्तम कर्म का होना अत्यंत आवश्यक है। उसे अच्छे कर्म करना चाहिए जिससे उत्तम भाग्य बन सके। मनुष्य के जीवन में लोभ मोह के कारण पाप होते हैं। पाप ही मनुष्य के दुखों का कारण है, इसलिए लोभ मोह से बचें।

भगवान की आराधना, साधना, भगवद नाम स्मरण जप-तप भगवद प्राप्ति के सरल साधन हैं। पशु-पक्षी को आत्मज्ञान और ब्रह्मज्ञान प्राप्ति करना संभव नहीं है। लेकिन हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें मनुष्य जन्म द्वारा यह अवसर मिला है। समय रहते मानव जन्म की उपयोगिता को समझो और ऐसे कर्म करो जो हमारी मति और गति को सुधारें और अगला जन्म भी सफल हो सके।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi