* वही सच्चा भक्त है, जो भगवान की खुशी को अपनी खुशी मानता है। वह हमेशा भगवान को खुशी देना चाहता है, उनके लिए किसी असुविधा का कारण बनना नहीं चाहता! यह मानकर चलना चाहिए कि भगवान की खुशी में ही आपकी खुशी है और आपकी खुशी में भगवान की! एकता की इस भावना को आत्मसात कीजिए।