चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य ने नीति, धर्म, राजनीति और समाज की कई बातें लिखी हैं। उन्हीं में से 5 बातें जानिए। यह आपके जीवन के संकट काल में बहुत काम आएगे।
1. जो अस्वच्छ कपड़े पहनना है। जिसके दांत साफ नहीं। जो बहुत खाता है। जो कठोर शब्द बोलता है। जो सूर्योदय के बाद उठता है। उसका कितना भी बड़ा व्यक्तित्व क्यों न हो, वह लक्ष्मी की कृपा से वंचित रह जाएगा।
2. जो बीत गया, सो बीत गया। अपने हाथ से कोई गलत काम हो गया हो तो उसकी चिंता छोड़ते हुए वर्तमान को सही तरीके से जीकर भविष्य संवारना चाहिए। हमें भूत के बारे में पछतावा नहीं करना चाहिए, ना ही भविष्य के बारे में चिंतित होना चाहिए; विवेकवान व्यक्ति हमेशा वर्तमान में जीते हैं।
3. व्यक्ति को बुरे दिनों के लिए धन की बचत करनी चाहिए और अपनी महिला की रक्षा हर हालत में करनी चाहिए भले ही उसको अपने बचत के पैसे भी खर्च करने पड़े।
4.वह व्यक्ति जो अपना लक्ष्य निर्धारित नहीं कर सकता है वह कभी विजयी नहीं हो सकता है। अपनी योजनाओं के बारे में किसी से चर्चा ना करें क्योंकि अन्य लोग आपके कार्य में बाधा पहुंचा सकते हैं। साधारण सा सुझाव है कि आप अपने लक्ष्य का पीछा बगैर किसी के ध्यान की अपेक्षा के करें।
5. हमेशा दुखी रहने वाले लोग- बहुत से लोग हैं, जो बिना बात के ही दुखी रहते हैं। ऐसे लोगों से हमेशा दूर रहें। महाभारत और चाणक्य के अनुसार कुछ लोग भगवान द्वारा बहुत कुछ दिए जाने के बाद भी हमेशा विलाप करते रहते हैं तथा अपना दुख प्रकट करते रहते हैं तो ऐसे लोगों से दूर ही रहना चाहिए।
6. जब तक शरीर स्वस्थ और आपके नियंत्रण में है। उस समय आत्म साक्षात्कार के लिए उपाय अवश्य ही कर लेना चाहिए, क्योंकि मृत्यु के पश्चात कोई कुछ भी नहीं कर सकता।
7. मेहनत करने से दरिद्रता नहीं रहती, धर्म करने से पाप नहीं रहता, मौन रहने से कलह नहीं होता और जागते रहने से भय नहीं होता। संसार एक कड़वा वृक्ष है, जिसके दो फल ही मीठे होते हैं- एक मधुर वाणी और दूसरा सज्जनों की संगति।
8. व्यक्ति अकेले पैदा होता है और अकेले मर जाता है;और वो अपने अच्छे और बुरे कर्मों का फल खुद ही भुगतता है; और वह अकेले ही नर्क या स्वर्ग जाता है। कोई व्यक्ति अपने कार्यों से महान होता है, अपने जन्म से नहीं। जब तक आपका शरीर स्वस्थ्य और नियंत्रण में है और मृत्यु दूर है, अपनी आत्मा को बचाने कि कोशिश कीजिये; जब मृत्यु सर पर आजायेगी तब आप क्या कर पाएंगे?
9. जैसे ही भय आपके करीब आए, उस पर आक्रमण कर उसे नष्ट कर दीजिए।
10. किसी मूर्ख व्यक्ति के लिए किताबें उतनी ही उपयोगी हैं जितना कि एक अंधे व्यक्ति के लिए आईना।