Sawan posters

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

हनुमान अष्टमी क्यों है हनुमानजी का विजय उत्सव, जानें 2 रोचक कथाएं...

Advertiesment
हमें फॉलो करें Hanuman ji ka vijay utsav
* हनुमानजी का विजय उत्सव पर पढ़ें 2 रोचक प्रसंग... 


 
हनुमान अष्टमी का पर्व हनुमानजी का विजय उत्सव है। एक प्रसंग के अनुसार त्रेता युग में लंका युद्घ के समय जब अहि रावण भगवान राम-लक्ष्मण को पाताल ले जाकर उनकी बलि देना चाहता था, तब हनुमानजी ने अहि रावण का वध कर भगवान को बंधन मुक्त किया था तथा पृथ्वी के नाभि स्थल अवंतिका में आकर विश्राम किया।

भगवान ने प्रसन्न होकर आशीर्वाद दिया कि पौष कृष्ण अष्टमी को जो भक्त तुम्हारा पूजन करेगा, उसे कष्टों से मुक्ति मिलेगी। तभी से इस दिन हनुमानजी के विजय उत्सव का पर्व उत्साह से मनाया जाता है।
 
जब भगवान श्रीराम लंका विजय के बाद अयोध्या लौटे थे और विजय उत्सव मनाया जा रहा था, तब श्रीराम ने कहा कि यह तो हनुमानजी की विजय है। पुराणों में भी इस प्रसंग का उल्लेख है। 
 
हनुमान मंदिरों में हनुमान अष्टमी का आयोजन किया जाता है तथा विभिन्न क्षेत्रों में हनुमान दर्शन यात्रा भी निकाली जाती है।

webdunia

 

एक अन्य प्रसंग के अनुसार हनुमान अष्टमी पर प्रत्येक मंदिर में हनुमानजी का वास होता है क्योंकि हनुमानजी ने शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी। 
 
हरि का अलौकिक रूप होते हुए भी शिव-अर्चना करके भगवान भूत भावन को प्रसन्न किया था। तब शिव ने प्रसन्न होकर हनुमानजी को वरदान दिया था कि हनुमान अष्टमी पर्व है, पवन पुत्र तुम्हारा नाम हनुमन्तेश्वर होगा। सिन्दूर लगे और श्रृंगार करके जो पवित्र भाव से दर्शन करेगा उसे मेरे दर्शन होंगे और उसकी इच्छित मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

हनुमान अष्टमी विशेष : आज अवश्‍य आजमाएं बजरंगबली के उपाय एवं उनके प्रिय मंत्र