गौतम बुद्ध कहते थे कि चार आर्य सत्य की सत्यता का निश्चय करने के लिए इस मार्ग का अनुसरण करना चाहिए :-
सम्यक संकल्प : मानसिक और नैतिक विकास की प्रतिज्ञा करना।
सम्यक वाक : हानिकारक बातें और झूठ न बोलना।
सम्यक कर्म : हानिकारक कर्म न करना।
सम्यक जीविका : कोई भी स्पष्टतः या अस्पष्टतः हानिकारक व्यापार न करना।
सम्यक प्रयास : अपने आप सुबौद्ध धर्म के अनुसार, चौथे आर्य सत्य का आर्य अष्टांग मार्ग है दुख निरोध पाने का रास्ता।