Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

Mandir Mystery : इस मंदिर में बलि देने के बाद में नहीं मरता है बकरा

हमें फॉलो करें Mandir Mystery : इस मंदिर में बलि देने के बाद में नहीं मरता है बकरा
, मंगलवार, 4 जनवरी 2022 (18:15 IST)
नमस्कार! 'वेबदुनिया' के मंदिर मिस्ट्री चैनल में आपका स्वागत है। इस चैनल में हम आपको मंदिरों के अनसुलझे रहस्यों के बारे में बताते रहे हैं। इस बार हम बताते हैं आपको बिहार के एक ऐसे मंदिर के बारे में, जहां पर बकरे की बलि बहुत ही अनोखे तरीके से दी जाती है। दरअसल यह माता मुंडेश्वरी का मंदिर है। आओ जानते हैं इस मंदिर के चमत्कार के बारे में।

 
 
बकरे की दी जाती है बलि लेकिन जिंदा रहता है बकरा
 
1. भारत का सबसे प्राचीन मंदिर : कहा जाता है कि मुंडेश्वरी मंदिर भारत का सबसे प्राचीन है। पुरातत्वविदों के अनुसार इसका निर्माण 108 ईस्वी में हुआ था। मुंडेश्वरी देवी का मंदिर बिहार के कैमूर जिले के भगवानपुर अंचल में पवरा पहाड़ी पर 608 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इसकी स्थापना 108 ईस्वी में हुविश्‍क के शासनकाल में हुई थी। यहां शिव और पार्वती की पूजा होती है।
 
 
2 हजार साल से हो रही है पूजा : कहा जाता है कि इस मंदिर में पिछले दो हजार साल से भी अधिक वर्षों से लगातार पूजा हो रही है। इस मंदिर के 635 में विद्यामान होने का उल्लेख मिलता है। कुछ के अनुसार मंदिर से प्राप्त शिलालेख के अनुसार उदय सेन के शासन काल में इसका निर्माण हुआ था। 
 
3. कैसे पड़ा मंदिर का नाम : मंदिर के बारे में मान्यता प्रचलित है कि यहां भगवती मां चंड-मुंड नामक असुरों के वध करने लिए लिए प्रकट हुई थीं। जब चंड का देवी जी ने नाश किया तो मुंड जाकर यहां की पाहाड़ियों में जाकर छिप गया। फिर मां ने उसका भी वध कर दिया। तभी से इनका नाम मुंडेश्वरी पड़ा गया।
webdunia
Mundeshwari devi temple
4. बकरे की दी जाती है बलि : यहां पर सदियों से बकरे की बलि देने की परंपरा अनूठी रही है। कहते हैं कि जब माता की मूर्ति के सामने जब बकरा लाया जाता है तब उसे लिटाकर पुजारी उस पर अभिमं‍त्रि कुछ चावल उस पर फेंकता है। इस चावल के फेंके जाने के कारण वह मृतसा हो जाता है। उसकी हलचल रूक जाती है और फिर कुछ ही देर बाद माताजी की जयजयकार के साथ वह एकदम से खड़ा हो जाता है। इसके बाद उस बकरे को पुन: लौटा दिया जाता है।
 
 
आपको कैसी लगी हमारी यह जानकारी? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं और इसी तरह की रहस्यमयी बातों को जानने के लिए हमारे चैनल को सब्सक्राइब जरूर करें और बेल आयकॉन के बटन को दबाना न भूलें ताकि आपको नोटिफिकेशन मिल सके।
 
-धन्यवाद।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

5 जनवरी 2022, बुधवार के शुभ मुहूर्त