3 जनवरी 2022 से पौष मास (Paush 2022) के शुक्ल पक्ष का आरंभ हो रहा है। इस मास में सूर्यदेव की उपासना का विशेष महत्व होता है। हिंदू पंचांग की मानें तो साल के दसवें महीने को पौष कहते हैं। इस महीने ठंड अधिक रहती है।
मान्यतानुसार इस महीने सूर्यदेव का विधि-विधान से पूजन करने से सकारात्मक ऊर्जा तथा जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। इस बार पौष मास का शुक्ल पक्ष 17 जनवरी 2022 के दिन पौष पूर्णिमा (Paush Purnima) पर समाप्त होगा।
जानिए पौष मास के कार्य, सावधानियां और पावरफुल मंत्र-paush Month 2022
पौष मास में क्या करें-Paush Maas me kya karen
- पौष माह में मुख्य रूप से सूर्य देव की उपासना की जाती है।
- पौष मास में प्रतिदिन स्नान करके सूर्यदेव को जल अर्पित करें।
- एक तांबे के पात्र से जल अर्घ्य देते समय उसमें रोली, लाल पुष्प और अक्षत डालें।
- सूर्य अर्घ्य देते समय 'ॐ आदित्याय नमः' मंत्र का जाप करें।
- इस मास में लाल और पीले रंग के कपड़े पहनना अतिशुभ माना जाता है।
- पौष मास में मध्यरात्रि में की गई साधना अधिक लाभकारी मानी जाती है।
- गर्म वस्त्रों का दान करना अतिउत्तम माना गया है।
पौष मास की सावधानियां-Paush maas Rules
- मान्यतानुसार इस माह में नमक का सेवन कम से कम करना उचित रहता है।
- पौष मास में मांस-मंदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
- इस माह में गुड़ का सेवन करना उत्तम माना जाता है।
- इस माह चीनी का सेवन कम से कम मात्रा में करें।
- अजवायन, लौंग और अदरक का सेवन करना लाभकारी होगा।
- तेल और घी का प्रयोग कम मात्रा में करना उत्तम होता है।
मंत्र-Surya Mantra
- ॐ घृणि सूर्याय आदित्याय नमः
- ॐ घृणि सूर्याय नम:।
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
- ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
- ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।
मान्यता है कि पौष मास में अगर कोई भी व्यक्ति सूर्यदेव की नियमित उपासना करें तो वह पूरे साल सेहतमंद और संपन्न रहता है।