माघ मास में कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी कहते हैं। यह व्रत करने से मनुष्य के सभी पापों का नाश होता है। इस व्रत में छह प्रकार से तिल का उपयोग करना श्रेष्ठ माना गया है ....
1. तिल स्नान
2. तिल की उबटन
5. तिल का भोजन
6. तिल का दान
इस व्रत में तिल के उपयोग का बहुत महत्व है। इससे दुर्भाग्य, दरिद्रता तथा अनेक प्रकार के कष्ट से मुक्ति मिलती है।
समस्त पूजन सामग्री
• श्री विष्णु जी का चित्र अथवा मूर्ति
• पुष्प
• पुष्पमाला
• नारियल
• सुपारी
• अनार,
• आंवला,
• लौंग
• बेर
• अन्य ऋतुफल
• धूप
• दीप
• घी
• पंचामृत (दूध(कच्चा दूध),दही,घी,शहद और शक्कर का मिश्रण)
• अक्षत
• तुलसी दल
• चंदन- लाल
• मिष्ठान(तिल से बने हुए)
• गोबर की पिंडीका- 108 (तिल तथा कपास मिश्रित)