संगीत की कला दुनिया का सबसे बड़ा खजाना है। किसी महान पुरुष ने संगीत को आत्मा की आवाज बताते हुए कहा है कि "संगीत आत्मा की अद्भुत आवाज है, जो आत्मा तक पहुँचती है और हमें असीम आनंद की अनुभूति देती है।"
संगीत की यही मनोरम छटा बिखेरने हेतु आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा संचालित श्री श्री रविशंकर विद्या मंदिर, इंदौर में 'सत्संग' का सफ़ल आयोजन मंगलवार की शुभसंध्या को किया गया। आर्ट ऑफ लिविंग के अंतर्राष्ट्रीय टीचर एवं सुमेरु संध्या गायक श्री प्रवीण मेहता जी ने मन और आत्मा को छूनेवाली अपनी मधुर आवाज से इस संगीत-संध्या को अविस्मरणीय बना दिया।
गुरुपूजन के साथ प्रवीण भैया ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। श्री गणेश भजन से संगीत आरंभ हुआ। श्री देवी भजन से वातावरण मंगलमय हो गया। कृष्णा भजन (अच्युतम केशवं ....) ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। हरि सुंदर नंद मुकुंद...., शिव शंभू नमः शिवाय...., है राम , है राम .... इत्यादि भजनों से प्रवीण भैया ने भक्तिमय माहौल बना दिया। साथ ही कई मनमोहक गीतों और गज़लों से वातावरण को रसविभोर कर दिया। सूफ़ी गीतों पर तो दर्शक झूम उठे।
प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण, भव्य और शांत विद्यालय परिसर में आर्ट ऑफ लिविंग के फॉलोवर्स, पालकगण, संगीत प्रेमी आदि ने सत्संग का भरपूर आनंद लिया।
*विद्यालय के बच्चों ने सभी पधारे हुए अतिथिगण के समक्ष विद्यालय के गौरव का अपने-अपने विचारों के माध्यम से बखान किया।
विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती कांचन तारे ने प्रवीण भैया का अभिनंदन किया। विद्यालय प्रबंधन द्वारा सभी अतिथियों के लिए प्रसादी की व्यवस्था की गई। एडमिन श्री विकास दुबे के निर्देशन में कार्यक्रम का सफ़ल आयोजन किया गया। प्रबंधन समिति की ओर से श्रीमती दीपिका पुरोहित ने श्री प्रवीण भैया का हृदयपूर्वक आभार प्रकट किया।