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भारत में जन्मे कई अवतारी पुरुष

भारत देश : धर्मों की त्रिवेणी

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भारत प्रकृति का पालक है। यह केवल एशिया का ही दिव्य भाल नहीं है, विश्व का मुकुट है। छः ऋतुएं यहां मुस्कराती हुई गुजर जाती हैं। सिंधु, गंगा, यमुना, कृष्णा, काबेरी, नर्मदा सरिताएं अपने अमृत जल से इस धरती को सींचती हैं। तभी तो यहां की उर्वरा भूमि अनाज उगलती है।

राम, कृष्ण, गौतम, गुरु नानक जैसे अवतारी पुरुष भारत में ही जन्मे थे। मां ने अपनी कोख से अनेक शूरवीरों को जन्म दिया। धर्मवीर युधिष्ठिर, दानवीर कर्ण, युद्धवीर अर्जुन, दयावीर महावीर सब भारत भूमि की ही तो उपज थे।

भारत अनेक धर्मों, सम्प्रदायों, मत मतान्तरों और जातियों का देश रहा है। अनेक धर्मों की त्रिवेणी यहीं हैं अनेक जातियों का संगम इस देश में हुआ है।

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हिंदू, मुस्लिम, जैन, ईसाई और पारसी सब सुखपूर्वक यहां निवास करते हैं। देश-प्रेम की पावन गंगा भारत में बहती है। पुराने तीर्थों की जगह नए तीर्थों ने ले ली।

आज भारत शिक्षा, विज्ञान, राजनीति, प्रौद्योगिक विकास आदि सभी क्षेत्रों में प्रगति पथ पर है। भारत की इस अद्भुत संस्कृति, गौरवमय गाथा, उज्ज्वल भविष्य, प्रकृति शिरोमणि को देखते हुए प्रत्येक भारतीय के दिल भारत के प्रति गद्‍गद हो जाता है।

हमारा देश विदेशियों के द्वारा पद्दलित हुआ दो सौ वर्ष तक हम अंग्रेजों के गुलाम रहे। इस अद्योगति से हमें देश के रत्न बाल गंगाधर तिलक, पंजाब केसर लाला लाजपतराय, शहीद भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, वीर सुभाष, नेहरू, लालबहादुर शास्त्री आदि देश भक्तों ने उबारा।

भारत की स्वर्ण भूमि विदेशियों के लिए सदा ही आकर्षक का केंद्र रही है। सिकंदर बार, कोलंबस, वास्कोडिगामा आदि की यात्राएं इसी तथ्य को सिद्ध करती हैं। मानव की तो विसात ही क्या देवता और भगवान तक इस भूमि पर जन्म लेने के लिए ललचाते रहे हैं। हमारा देश भारत सचमुच संसार का शिरोमणि देश है।

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