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'व्रत पर्व-प्रकाश' आध्यात्मिक पुस्तक

- विवेक कुमार श्रीवास्तव

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भारतीय संस्कृति में व्रत-उपवास, तीज-त्योहार आदि का विशेष महत्व है। इसके अलावा पूजा-पाठ, शकुन-अपशकुन एवं तंत्र-मंत्र को मानने वालों की भी कमी नहीं है। हमारा देश आध्यात्मिक है, धर्म का यहाँ विशेष स्थान है। हर दिन कोई न कोई पर्व, उत्सव होता है। बारहमासी व्रत व त्योहारों पर लेखकों द्वारा अनेक पुस्तकें लिखी गई हैं। इसी क्रम में लेखक रामगोपाल राठौर द्वारा रचित पुस्तक- 'व्रत पर्व-प्रकाश' संपूर्ण नजर आती है।

व्रत पर्व-प्रकाश में त्योहारों व व्रतों की कथा के साथ-साथ पूजा करने की विधि एवं पर्व के मनाने का कारण भी स्पष्ट किया गया है। उपवास का आध्यात्मिक अर्थ है- 'उप' यानी समीप, 'वास' यानी रहना, अर्थात अपने आराध्य के सानिध्य में स्वयं को महसूस करना। वहीं इसका व्यावहारिक अर्थ है निराहार रहना। इससे आत्मचिंतन में मदद मिलती है। यह पुस्तक हमें प्रेरणा देती है कि स्वस्थ, सुखी तथा सुसंस्कृत जीवन के लिए यथासंभव उपवास अवश्य करना चाहिए।

इस पुस्तक में लेखक ने छोटे से छोटे तीज-त्योहारों का भी उल्लेख किया है। विवाह पंचमी, सूर्य षष्ठी महोत्सव, झूलेलाल उत्सव, अक्षय नवमी, वैकुंठ चतुर्दशी, कुशोत्पाटिनी अमावस्या, राधा अष्टमी, ऋषि पंचमी, चंद्र षष्ठी, आसमाई की पूजा, सीता नवमी व हल षष्ठी जैसे पर्व, जिसके बारे में आमजन को पूर्ण जानकारी भी नहीं होती है। उपरोक्त पर्वों की संपूर्ण जानकारी व संबंधित कथाओं का वर्णन भी किया है।

लेखक ने 'व्रत पर्व-प्रकाश' में व्रत व पर्व के साथ-साथ ज्योतिष तथा विशेष दिनों की महत्वपूर्ण जानकारी का भी उल्लेख किया है। इसमें पंच महायज्ञ, तिल का महत्व, ग्रह-नक्षत्र, अनमोल प्रयोग, श्रावण सोमवार का महत्व, पुष्पों का प्रयोग, संकल्प, मस्तक का तिलक, घर-परिवार व वृक्ष एवं जन्म के कुछ खास दिन का ज्योतिष के अनुसार महत्व बताया है।

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मस्तक का तिलक में उन्होंने बताया है कि तिलक धारण करने से शांति व शीतलता प्राप्त होती है। उन्होंने तिलक लगाने के वैज्ञानिक कारण व लाभ भी बताए हैं। इसी प्रकार ग्रह-नक्षत्र की शांति के उपाय भी बताए हैं। अनमोल प्रयोग में लेखक ने विभिन्न धातुओं से बने शिवलिंग की पूजा का अलग-अलग महत्व बताया है। साथ ही उन्होंने पारद शिवलिंग का दर्शन व पूजा को सर्वश्रेष्ठ बताया है। इस शिवलिंग की पूजा से समस्त मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

रामगोपाल राठौर ने पुस्तक को संपूर्णता प्रदान करने के लिए जहाँ नवरात्र विधान, गणगौर व्रत, बैसाखी पर्व, देवशयनी एकादशी, महालक्ष्मी व्रत, शरद पूर्णिमा, गणेश चतुर्थी, हरियाली तीज की पूजन विधि व कथाओं का वर्णन किया है, वहीं लक्ष्मी स्त्रोत, बगुलामुखी स्त्रोत, रामरक्षा स्त्रोत, एक रक्षा स्त्रोत, श्री सूक्त, हनुमान चालीसा, यम नियम आदि का विशद उल्लेख व महत्व बताया है। अध्ययन के बाद यह महसूस होता है कि पुस्तक 'व्रत पर्व-प्रकाश' आध्यात्मिक व धार्मिक संतुष्टि प्रदान करती है। लेखक ने इसमें गागर में सागर भरकर पूर्णता प्रदान की है।

पुस्तक- 'व्रत पर्व-प्रकाश'
लेखक- रामगोपाल राठौर
मूल्य- 80/- रुपए
प्रकाशक- कृष्णा टेलीकॉम, नाका चन्द्रवदनी

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