इस बार दिव्य दर्शन में हम आपके लिए लाए हैं दुनिया के खास 21 ऐसे तीर्थ स्थल जो जुड़े के दुनिया के 8 बड़े धर्मों से आपको इनके बारे में जरूर जानना चाहिए।
*काशी (वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत)
यह सदाशिव और आदिशक्ति त्रिदेवजननी का निवास स्थान है। द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख काशी विश्वनाथ मंदिर को पहली बार 1194 में मुहम्मद गौरी ने तुड़वाया। औरंगजेब ने यहां मस्जिद बनवा दी। अंत में सन् 1776 में अहिल्याबाई ने मस्जिद के पास इसे पुन: बनवाया।
*जगन्नाथपुरी (भुवनेश्वर, उड़ीसा, भारत)
कहते हैं कि श्रीहरि बद्रीनाथ में स्नान करते, द्वारिका में वस्त्र पहनते, पुरी में भोजन करते और रामेश्वरम में विश्राम करते हैं। द्वापर के बाद भगवान कृष्ण पुरी में निवास करने लगे हैं जिन्हें जगन्नाथ कहा जाता है।
*रामजन्मभूमि (अयोध्या, फैजाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत)
यह स्थान रामदूत हनुमान के आराध्य प्रभु श्रीराम का जन्म स्थान है। भगवान राम का जन्म 5114 ईस्वी पूर्व चैत्र मास की नवमी को हुआ था। कहते हैं कि 1528 में बाबर के सेनापति मीरबकी ने अयोध्या में राम मंदिर तोड़कर बाबरी मस्जिद बनवाई थी।
*श्रीकृष्ण जन्मभूमि (मथुरा, उत्तर प्रदेश)
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में हुआ था। मथुरा में भगवान कृष्ण की जन्मभूमि है और कहा जाता है कि उसी जन्मभूमि के आधे हिस्से पर बनी है ईदगाह। कहते हैं कि औरंगजेब ने 1660 में मथुरा में कृष्ण मंदिर को तुड़वाकर ईदगाह बनवाई थी।
*गोमटेश्वर (श्रवणबेलगोला, कर्नाटक, भारत)
यह प्राचीन तीर्थस्थल कर्नाटक के मड्या जिले में श्रवणबेलगोला के गोम्मटेश्वर स्थान पर स्थित है। यह जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव पुत्र भगवान बाहुबली की तपोभूमि है।
*श्रीसम्मेद शिखरजी (गिरिडीह, झारखंड, भारत)
इस पुण्य स्थल पर जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों (सर्वोच्च जैन गुरुओं) ने मोक्ष प्राप्त किया था। गिरिडीह जिले में छोटा नागपुर पठार पर स्थित यह मंदिर पार्श्वनाथ पर्वत पर है।
*कुंडलपुर (नालंदा, वैशाली, बिहार, भारत)
कुंडलपुर में जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म ईसा से 599 वर्ष पहले पिता सिद्धार्थ और माता त्रिशला के यहां तीसरी संतान के रूप में चैत्र शुक्ल तेरस को हुआ था।ो
*पावापुरी (नालंदा, बिहार, भारत)
पावापुरी वह स्थान है, जहां जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी ने 72 वर्ष की उम्र में 526 ईसा पूर्व निर्वाण प्राप्त किया था।
*लुम्बिनी (नौगढ़, नेपाल)
यह स्थान नेपाल की तराई में पूर्वोत्तर रेलवे की गोरखपुर-नौतनवां लाइन के नौतनवां स्टेशन से 20 मील और गोरखपुर-गोंडा लाइन के नौगढ़ स्टेशन से 10 मील दूर है जहां भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था।
*बोधगया (गया, बिहार, भारत)
यह भगवान बुद्ध का निर्वाण स्थल है। भरत के बिहार में स्थित गया स्टेशन से यह स्थान 7 मील दूर है। यहीं भी 2500 वर्ष प्राचीन बोधिवृक्ष है।
*सारनाथ (बनारस, उत्तरप्रदेश, भारत)
भगवान बुद्ध ने सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था। यहीं से उन्होंने धर्मचक्र प्रवर्तन प्रारंभ किया था। सारनाथ में बौद्ध-धर्मशाला है। यह प्रमुख बौद्ध-तीर्थ है।
*द टेंपल ऑफ हेवन (स्वर्ग का मंदिर, बीजिंग : चीन)
चीन का यह मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। इसे ताओ धर्म का प्राचीन मंदिर कहते हैं। ताओ बौद्ध धर्म से ही संबंधित है। 'द टेंपल ऑफ हेवन' का निर्माण 13वीं शताब्दी में किया गया था।
*इहाइ-जी (Eiheiji) जेन मंदिर (योशिदागन, फुकुई, जापान)
जेन (zen) का विकास चीन में बौद्ध धर्म की एक शाखा के रूप में लगभग 500 ईस्वी में हुआ। चीन से यह 1200 ईस्वी में जापान पहुंचा। 1244 में जेन मास्टर डोगेन ज़ेंजी ने यह मंदिर बनवाया था।
*यहूदी दीवार (यरूशलम, इसलाइल)
यह तीन धर्मों (यहूदी, ईसाई और इस्लाम) का तीर्थ स्थल है। यहां किलेनुमा चारदीवारी से घिरे पवित्र परिसर में यहूदी प्रार्थना करते हैं। यह दीवार बहुत ही प्राचीन और भव्य है। यहीं पर अल अक्सा मस्जिद है। यहीं से पैगंबर साहब ह. मुहम्मद मेराज के लिए गए थे।
*आतिश बेहराम (खाजेह पर्वत, हमुन झील, सिस्तान प्रांत, ईरान)
ईरान में पहले परसी ही रहते थे। इस्लामिक आक्रमण के बाद यहां के लोगों ने इस्लाम अपना लिया जिन्होंने नहीं अपनाया वे अपना मुल्क छोड़कर चले गए। पारसी धर्म का यहां सबसे पवित्र मंदिर है जो अब खंडर हो चुका है। जरथुष्ट्र ने पारसी धर्म की स्थापना की थी।
*बेथलेहम (फिलिस्तीन, इसराइल)
यह स्थान इसराइल की राजधानी यरुशलम से लगभग 10 किलोमीटर दूर दक्षिण में फिलिस्तीन इलाके में है जहां ईसा मसीह का जन्म 6 ई.पू. नाजारेथ के एक यहूदी बढ़ई के यहां हुआ था। आज इसे चर्च ऑफ नेटिविटी कहा जाता है।
*वेटिकन सिटी (रोम, इटली)
रोमन कैथोलिक ईसाइयों के लिए वेटिकन सिटी सबसे महत्वपूर्ण है। यह इटली के अंदर रोम की टाइबर नदी के पश्चिमी किनारे पर 108 एकड़ में फैला हुआ एक स्वतंत्र राष्ट्र है।
*पवित्र काबा (मक्का, सऊदी अरब)
पवित्र काबा सऊदी अरब के हेजाज प्रांत की राजधानी मक्का में स्थित है। मक्का शहर वार्षिक हज तीर्थयात्रा, जो इस्लाम के 5 स्तंभों में एक है, के लिए प्रसिद्ध है। पैगंबर हजरत इब्राहीम ने मक्का में काबा को सबसे पहले पवित्र जगह बनाया था।
*पैगंबर मस्जिद (मदीना, सऊदी अरब)
इस्लाम धर्म के पवित्रतम स्थलों में दूसरा मदीना है। मदीना का पूरा नाम मदीना रसूल अल्लाह है जिसका अर्थ होता है- अल्लाह के दूत की नगरी। यह पश्चिमी सऊदी अरब के हिजाज क्षेत्र में स्थित है। इस नगर को पहले 'यथरीब' कहा जाता था।
*नानकाना साहिब (तलवंडी रायभोय, लाहौर, पंजाब, पाकिस्तान)
गुरु नानकदेव सिखों के प्रथम गुरु थे। उनका जन्म 15 अप्रैल 1469 ई. (1526 विक्रमी संवत्) वैशाख सुदी 3 में तलवंडी रायभोय नामक स्थान पर हुआ। तलवंडी अब 'ननकाना साहिब' के नाम से जाना जाता है, जो पाकिस्तान के लाहौर जिले से 30 मील दक्षिण-पश्चिम में स्थित है।
*स्वर्ण मंदिर, अमृतसर (हरमंदिर साहिब, पंजाब, भारत)
इस मंदिर पर स्वर्ण की परत के कारण इसे स्वर्ण मंदिर कहते हैं। जिस तालाब के किनारे चौथे गुरु रामदास ने डेरा उसी के पास पांचवें गुरु अर्जुन देवजी ने 1588 में मंदिर की नींव रखी। स्वर्ण मंदिर को कई बार नष्ट किया गया लेकिन इसे दोबारा बना दिया गया।