Festival Posters

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

एक मंदिर जहाँ भरती हैं सूनी गोदें

मन्नत पूरी होने पर भक्त चढ़ाते हैं नारियल का तोरण

Advertiesment
हमें फॉलो करें संतान सुख मीठी किलकारी निःसंतान दंपति

श्रुति अग्रवाल

webdunia
WDWD
बच्चा भगवान का सबसे खूबसूरत तोहफा होता है। एक दंपति के जीवन में सबसे प्यारा वह पल होता है जब एक मीठी किलकारी उसके आँगन में गूँजती है। माना तो यह भी जाता है कि दुनिया का सबसे बड़ा सुख संतान सुख ही है। इस सुख से वंछित लोगों की मनोदशा को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता।

निःसंतान दंपति इस सुख को पाने के लिए हर जतन करते हैं। कभी वह भगवान के दर पर मत्था टेकते हैं, कभी दवाखाने के चक्कर लगाते हैं तो कभी टोने-टोटके या बाबाओं के चक्कर में फँस जाते हैं।

फोटो गैलरी देखने के लिए क्लिक करें-

  भक्त माँ को तीन नारियल चढ़ाकर गोद भरने की याचना करता है। पुजारी भक्त को गले में बंधन बाँधने के लिए मौली का धागा देते हैं। पाँच हफ्तों तक यह धागा गले में बाँधना होता है।मुराद पूरी हो गई तो पाँच नारियलों का तोरण यहाँ के पेड़ पर बाँधना होता है।      
आस्था और अंधविश्वास की कड़ी में इस बार हम आपको दिखा रहे हैं इंदौर स्थित कालरात्रि माँ का मंदिर। इस मंदिर में लोगों की अटूट आस्था है। लोगों का मानना है कि मंदिर में एक बार गोद भरवा लेने के बाद उनके आँगन में किलकारियाँ जरूर गूँजती हैं। चूँकी यह मंदिर कालरात्रि माँ का स्थान है, इसलिए यहाँ मंगलवार की रात को विशेष पूजा-अर्चना होती है।

यह जानने के बाद हम मंगलवार की रात दस बजे जा पहुँचे माँ के दर पर। यहाँ भक्तों का हुजूम लगा हुआ थाइन लोगों से बात करने पर पता चला कि कुछ लोग यहाँ मुराद माँगने आए थे तो कुछ ऐसे थे जिनकी गोद भर चुकी थी। वे अपने नौनिहाल के साथ माँ को धन्यवाद देने आए थे।

webdunia
WDWD
ऐसे ही एक दंपति संजय आंबरिया ने ‘वेबदुनिय’ को बताया कि शादी के दस साल बाद तक उनकी पत्नी की गोद सूनी थी। मुंबई में एक दोस्त ने उन्हें इस मंदिर की जानकारी दी। वे तुंरत यहाँ आए और मन्नत माँगी। मन्नत माँगने के कुछ समय के भीतर ही उनकी पत्नी की गोद भर गई। अब वे अपनी पत्नी और बच्ची के साथ अपनी मन्नत पूरी करने आए हैं।

यहाँ मन्नत माँगने का तरीका बेहद अनूठा है। सबसे पहले भक्त माँ को तीन नारियल चढ़ाकर गोद भरने की याचना करता है। मंदिर के पुजारी भक्त को गले में बंधन बाँधने के लिए मौली का धागा देते हैं। भक्त को पाँच हफ्तों तक यह धागा गले में बाँधना होता है।

यदि मुराद पूरी हो गई तो नियमानुसार पाँच नारियलों का तोरण यहाँ के पेड़ पर बाँधना होता है। संजय आंबरिया यही तोरण बाँधने मंदिर आए थे। संजय आंबरिया की तरह कई भक्त जिनकी मुराद पूरी हो गई थी, वे यहाँ तोरण बँधवा रहे थे। मंदिर में लगे पेड़ पर ऐसे सैकड़ों तोरण बँधे हुए हैं।

webdunia
WDWD
हम भक्तों से बात कर रहे थे तभी मंदिर के पुजारी पूरणसिंह परमार वहाँ आ गए। उन्होंने हमें बताया कि यह मंदिर कालरात्रि माँ का मंदिर है, इसलिए यहाँ रात को ही पूजा होती है। पूरणसिंह का दावा है कि माँ के दर पर सच्चे दिल से माँगी मुराद कभी खाली नहीं जाती। इसी बीच आरती का वक्त हो गया और पूरणसिंह आरती में बैठ गए।

आरती के वक्त उन्होंने मौली (बंधन धागा) की भी पूजा की। हमें बताया गया यही मौली याचक के गले में पाँच हफ्तों के लिए बाँधी जाएगी। आरती के बीच में कुछ भक्त झूमने लगे, पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। आरती के बाद पुजारी ने वहाँ आई महिलाओं की गोद भरना शुरू की। इन महिलाओँ की गोद में श्रीफल (नारियल) डाला गया। एक के बाद एक लाइन से कई महिलाओं ने अपनी गोद भरवाई। सभी को विश्वास था कि जल्द ही उनके आँगन में किलकारी गूँजेगी।

webdunia
WDWD
संतान की आस में यहाँ आई विमला सेंगर ने हमें बताया कि उन्हें पूरा विश्वास है कि जल्द ही उनकी गोद में प्यारा-सा बच्चा खेलेगा। इस मंदिर की खास बात यह भी है कि यदि भक्त के घर बेटी पैदा हुई तो उसे माँ दुर्गा का अंश माना जाता है। ऐसे में भक्त बेटे से ज्यादा बेटी की चाह रखते हैं। कन्या जन्म पर खुशियाँ मनाते हैं।

यहाँ आने वाले भक्तों का मानना है कि यहाँ सिर्फ सूनी गोद ही नहीं भरती, बल्कि जो भी मुराद माँगो, जरूर पूरी होती है। आप इस संबंध में क्या सोचते हैं। हमें जरूर बताइएगा।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi