संगीतमय वातावरण के बीच बड़ी संख्या में यहाँ साँई के भक्तों की भीड़ उमड़ती है। यहाँ आए एक भक्त रघुवीर प्रसाद ने कहा कि मेरा बाबा में अटूट विश्वास है। बाबा की जो जिस रूप में आराधना करता है, बाबा उसके दु:ख दूर करते हैं। मालिक तो सबका एक ही है और जो भी यहाँ भक्तिभाव से आता है, उसकी मन्नत पूरी होती है। बाबा में अनन्य भक्ति होना जरूरी है। मैं 2005 में एक बार साइकिल से बाबा के दरबार में जा चुका हूँ। बाबा का बड़ा चमत्कार है।एक अन्य श्रद्धालु ने कहा कि यह तो एक प्रकार का सत्य ही है कि लोगों को यहाँ कुछ मिलता होगा, तभी तो इतने लोग आते हैं। बाबा के मंदिर में आने से ही शांति मिलती है। लोगों का इसमें विश्वास है।
वैज्ञानिक युग में जहाँ इस तरह की बातों को अंधविश्वास से अधिक कुछ नहीं माना जाता, वहीं यहाँ आने वाले लोगों का कहना है कि साँई भावना के भूखे हैं। भक्त उन्हें किसी भी रूप में भजे, वे हाजिर हो जाते हैं।
साँई बाबा ने भाईचारा, साम्प्रदायिक सद्भाव और मानव सेवा के लिए महान कार्य कर लोगों के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया था कि किस तरह श्रद्धा और सबुरी के साथ जीवन के दु:खों से निपटा जा सकता है इसके लिए मालिक पर विश्वास के अलावा किसी और के दर पर जाने की आवश्यकता नहीं लेकिन क्या वाकई किसी के शरीर में कोई देवी-देवता या साँई बाबा आ सकते हैं या यह महज अंधविश्वास है, फैसला आपको करना है...। आप हमें अपनी राय से जरूर अवगत कराएँ।
कैसे पहुँचे : इंदौर से 35 किलोमिटर दूर उत्तर में स्थित है देवास; जहाँ ट्रेन या बस द्वारा जाया जा सकता है।