कुछ लोग धरती को नष्ट करने की सोच से ग्रस्त है। इस तरह की आये दिन खबरें आती रहती है कि फलां फलां दिन को कयामत आयेगी और दुनिया खत्म हो जाएगी। हालांकि इस तरह की भविष्यवाणी कथित रूप से धार्मिक ज्ञान रखने वाले व्यक्ति ही करते रहते हैं। इस तरह की भविष्यवाणी करने में उनका क्या उद्देश्य हो सकता है?
इससे पहले ऑकलैंड, कैलिफोर्निया के एक धर्मोपदेशक- हैरल्ड कैपिंग ने ठीक-ठीक हिसाब लगाकर चेतावनी दी थी कि वर्ष 2011 की 21 मई की शाम छ: बजे दुनिया खत्म होने वाली है! उनका कहना है कि उस समय पर ही दुनिया की दो फीसदी आबादी तुरंत ही 'स्वर्गवासी' हो जाएगी और शेष आबादी किसी दूसरे स्थान पर पहुंच जाएगी। कैपिंग पहले भी दुनिया के खत्म होने की तारीख 6 सितंबर, 1994 घोषित कर चुके हैं लेकिन 2011 में भी ऐसा कुछ नहीं हुआ। इससे पहले और बाद में भी वे बाइबल की गणना के आधार पर इसी तरह की भविष्यवाणी करते रहे हैं, लेकिन हर बार उनका गणित गड़बड़ा जाता है।
हालांकि कुछ वैज्ञानिक भी धरती को नष्ट करना चाहते हैं। वे भी यदाकदा इस तरह की भविष्यवाणी करते रहते हैं। उनके अनुसार धरती से किसी दूसरे ग्रह की टक्कर या उल्कापिंड के गिरने की वजह से ऐसा हो सकता है। ऐसी घोषणा में पहले भी उन्होंने कई तारीखें बताई लेकिन मामला जम नहीं पाया। हालांकि उनकी बातों में सचाई हो सकती है, क्योंकि हमारी धरती पर उल्कापिंडों का खतरा बना रहता है। इसके अलावा अन्य छोटे मोटे ग्रहों के अपनी धुरी से हटने और उनके धरती की ओर आने का खतरा भी देखा गया है, लेकिन एन वक्त में वे ग्रह या उल्कापिंड अपना मार्ग बदल देते हैं।
इस बार की भविष्यवाणी भी एक ग्रह से जुड़ी है। माना जा रहा है कि इस ग्रह के टुकड़े यदि धरती पर गिरे तो धरती पर तबाही आ सकती है। इस ग्रह का नाम है निबिरू। निबिरू सैंकड़ों साल पहले नष्ट हो चुका ग्रह है जिसके टुकड़े अंतरिक्ष में बिखरे हुए हैं। इस टुकड़ों में एक ऐसा टुकड़ा है जो सबसे बड़ा है। माना जा रहा है कि धरती के गुरुत्वाकर्षण के कारण इस चट्टानी टुकड़ें के धरती की ओर चले आने का खतरा बरकरार है। यदि ऐसे हुआ तो यह धरती से टकरा सकता है।
दरअसल, इस बात का खुलासा एक वेबसाइट ने किया है जिसका नाम मिस्टीरियस यूनिवर्स है। मिस्टीरियस यूनिवर्स नामक वेबसाइट के अनुसार यह चट्टान तेज गति से धरती से टकराकर तबाही मचा देगी। लेकिन वेबसाइट के दावे की कोई वैज्ञानिक पुष्टि नहीं करता है। उनके अनुसार उनके पास इस संबंध में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है, लेकिन अटकलें जरूर चल रही हैं।
अंतरिक्ष मामलों में दखल रखने वाले डयोमिन डेमिर जखरोविच कहते हैं कि यह निबिरू गत अक्टूबर में सूर्य का चक्कर लगा रहा था लेकिन अब वहां से निकल चुका है। जखरोविच के अनुसार यह चट्टान पृथ्वी के लगभग ढाई किमी के दायरे से यदि गुजरे तो अधिक समस्या नहीं है लेकिन यदि यह धरती के भीतर तक आ गई तो हालात बेकाबू होंगे। परिणाम भयावह होंगे जो सुनामी या विशाल तूफान की शक्ल में सामने आ सकते हैं। इसका नतीजा ये होगा कि कई शहर तबाह हो जाएंगे।
कुछ का मानना है कि नासा को इस बात की जानकारी है लेकिन वह तथ्य को छुपा रहा है। हलांकि नासा ने ऐसी किसी भी संभावना से फिलहाल इंकार किया है। पांच साल पहले नासा ने कहा था कि ये सब कोरी अफवाह है। इनका हकीकत से कोई लेना देना नहीं है।
गौरतलब है कि दिसंबर 2015 में भी इसी प्रकार की अफवाहें सामने आई थीं कि कोई अज्ञात पिंड पृथ्वी से टकराने वाला है।