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श्रुति अग्रवाल “मैं मूर्ख हूँ, तभी तो कथित भगवान के चक्कर में फँस गया।"ये शब्द वेबदुनिया से अपनी आपबीती बयाँ करते समय सेमल्या चाऊ (मध्यप्रदेश) गाँव के सुरेश बागड़ी के थे। यह दास्ताँ शुरू होती है आज से कुछ महीने पहले जब बाँसवाड़ा (राजस्थान) के छींच गाँव में रहने वाले स्वयंभू भगवान सत्यनाम विट्ठलदास की चमत्कारिक शक्तियों की बात यहाँ तक पहुँची। सुरेश बागड़ी के गाँव में कुछ लोगो ने सत्यनाम को भगवान बताने वाले पर्चे और वीडियो सीडी बाँटी।वीडियो देखने के लिए फोटो पर क्लिक करें...इस पर्चे में लिखा था - माँ खोड़ीयार मंदिर के पुजारी सत्यनाम विट्ठलदास साहेब के पास दैवीय शक्तियाँ हैं। उन्हें भगवान ने लोगों का दु:ख-दर्द हरने के लिए भेजा है। वे हर तरह की बीमारी का निःशुल्क इलाज करते हैं। साथ ही इन पर्चों में दावा किया गया था कि सत्यनाम एड्स हो या कैंसर या फिर कोई और लाइलाज बीमारी, सभी को ठीक कर सकते हैं। वहीं सीडी में इस कथिक भगवान को सिर्फ एक चाकू की मदद से मरीज के पेट का ऑपरेशन करते दिखाया गया था। इस नकली ऑपरेशन के जरिये यह बाबा लोगों को ठीक करने का दावा करता था। सीडी में सत्यनाम को भगवान स्वरूप दिखाया गया है। पुलिस की खाकी वर्दी पहने कुछ लोग उसकी अगवानी करते नजर आते हैं। कुल मिलाकर भोले-भाले लोगों के सामने एक ऐसा मंजर पैदा किया जाता है, जिससे वशीभूत हो वे बाबा के दर पर चले जाते हैं। आप भी इस सीडी के कुछ दृश्यों को हमारे खास वीडियो में देख सकते हैं।
सत्यनाम सिर्फ शनिवार के ही दिन इलाज करता है। इलाज करने का वक्त भी बेहद अजीब है। रात को बारह बजे से तीन बजे के बीच ही वह लोगों का ऑपरेशन करता है। इस समय उसके गुर्गे मंदिर के अहाते का दरवाजा बंद कर देते हैं। इसी कथित भगवान से ठगी जा चुकी राजूबाई ने हमें बताया कि वही नहीं, बल्कि गाँव की पाँच और औरतों ने अपनी बच्चेदानी का ऑपरेशन करवाया था। उनमें से एक भी ठीक नहीं हुई। उल्टा लापरवाही के कारण एक का केस भी बिगड़ गया।
राजूबाई ने वेबदुनिया को बताया कि सत्यनाम ने जैसा सीडी में दिखाया था वैसा ऑपरेशन किसी का भी नहीं किया। उसने राजूबाई के पेट पर सब्जी काटने वाले चाकू से उल्टा चीरा लगाया, जिससे थोड़ा-सा खून निकला और कहा- जाओ ठीक हो जाओगी। इस जख्म पर सत्यनाम ने राख भी मली थी। इन महिलाओं से बातचीत के बाद महसूस हुआ कि राख में शायद कोई नशीली दवा मिली हुई थी, क्योंकि महिलाओं ने बताया कि राख मलने के बाद उन्हें कई दिनों तक हलकी बेहोशी और सुस्ती महसूस होती रही।
सत्यनाम बाबा ने कई लठैत भी पाल रखें हैं...यदि कोई भक्त उनके खिलाफ आवाज उठाए तो यह लठैत उसे बाहर कर देते हैं। इसी तरह यदि किसी ने बाबा से ऑपरेशन कराने के पाँच सौ रुपए, दवाई के तीन सौ रुपए न दिए तो उसे भी तुरंत बाहर फेंक दिया जाता है।
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बाबा की बाजीगरी सिर्फ चाकू द्वारा नकली ऑपरेशन तक ही सीमित नहीं, उसका दावा है कि वह नारियल फोड़कर फूल और कंकू निकाल सकता है। वह भक्तों को प्रभावित करने के लिए ऐसा बार-बार करता है। वहाँ गए सुनील भाई ने हमें बताया कि जब उन्होंने नारियल को गौर से देखा तो वह फेवीकोल से चिपका था, लेकिन सत्यनाम के गुर्गों को देखकर कुछ बोलने की हिम्मत नहीं हुई।
सुनील ने हमें बताया कि सत्यनाम बाबा ने कई लठैत भी पाल रखे हैं। यदि कोई भक्त उसके खिलाफ आवाज उठाए तो यह लठैत उसे बाहर कर देते हैं। इसी तरह यदि किसी ने बाबा से ऑपरेशन कराने के पाँच सौ रुपए, दवाई के तीन सौ रुपए न दिए तो उसे भी तुरंत बाहर फेंक दिया जाता है। इस तरह सोची-समझी साजिश के तहत यह बाबा हजारों लोगों को बेवकूफ बना उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है।
हम लोगों को सचेत करते हैं कि ऐसे पाखंडी बाबाओं से दूर रहें। इनके बहकावे में न आएँ। आप इन कथित भगवानों के बारे में क्या सोचते हैं, हमें बताएँ।
(बाबा के चाकू से कथित ऑपरेशन की सीडी हमें पीडि़त मरीजों ने उपलब्ध कराई है)