किंवदंतियों से घिरा कामाख्या देवी मंदिर
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अप्रैल वह एक ताजगीभरी दोपहर थी, जब हम असम की राजधानी सुपारियों के लिए प्रसिद्ध नगर गुवाहाटी पहुंचे। 20 तारीख की सुबह ही हमने कामाख्या देवी के विश्वविख्यात मंदिर के पवित्र क्षेत्र में कदम रखा। देवी कामाख्या का विभिन्न किंवदंतियों, पौराणिक गाथाओं और ऐतिहासिक संदर्भों में रहस्यमय अलौकिक स्पर्श देने वाला मंदिर गुवाहाटी हृदय स्थल है। नीले पर्वत और लाल नदी (ब्रह्मपुत्र को लाल नदी भी कहा जाता है और नीलांचल पर्वत को नीला पर्वत) के बीच मानो दोनों की गोद में खेलता प्राग् ज्योतिषपुर (इसी के विस्तृत स्वरूप को आज गुवाहाटी कहा जाता है।) से लगभग 2 किलोमीटर दूर नीलांचल पर्वत पर निर्मित इस भव्य अलौकिक देवस्थल का इतिहास भी किसी रहस्यमय कथा की तरह गूढ़ार्थों से घिरा हुआ है।