श्री मोहनखेड़ा तीर्थ पर आदिनाथ भगवान के मुख्य मंदिर एवं गुरुदेव का समाधि मंदिर (स्वर्णयुक्त) गुरुभक्तों के आकर्षण का केन्द्र है'
गुफा : गुरुदेव ने अपने जीवनकाल में जप-तप-ध्यान- आराधना कर समाज के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया था।
महावीर सर्कल : मुनिश्री ऋषभचन्द्रविजयजी मसा के दीक्षा रजत जयंती वर्ष के अवसर पर निर्मित किया गया।
समाधि मंदिर : आचार्यश्री यतीन्द्रसूरीश्वरजी मसा, आचार्यश्री विद्याचन्द्रसूरीश्वरजी मसा, मुनिराज श्री जयप्रभविजयजी मसा के समाधि मंदिर हैं।
समाधि स्थल : मुनिश्री लक्ष्मीविजयजी मसा, मुनिश्री कल्याणविजयजी मसा, मुनिश्री सागरानंदविजयजी मसा।
स्मृति मंदिर : स्मृति मंदिर में आचार्यश्री धनचन्द्रसूरीश्वरजी मसा, आचार्यश्री भूपेन्द्रसूरीश्वरजी मसा एवं उपाध्याय श्री मोहनविजयजी मसा की प्रतिमाएँ हैं।
जय तलहटी : शत्रुंजय तीर्थ के समान ही श्री मोहनखेड़ा तीर्थ के प्रवेश द्वार पर तलहटी का निर्माण किया जा रहा है ताकि यहाँ पर गुरुभक्तों को शत्रुंजय तीर्थ जैसा आभास हो।
तीर्थ प्रवेश द्वार : इंदौर-अहमदाबाद राजमार्ग पर श्री मोहनखेड़ा तीर्थ के लिए जाने वाले मार्ग पर भव्य एवं आलीशान स्वागतद्वार गुरुभक्तों का स्वागत करता है।
मुनिश्री ऋषभचन्द्र विजयजी मसा की प्रेरणा से कार्यरत संस्थाएँ
नेत्र चिकित्सालय : नेत्र रोगियों के लिए तीर्थ पर विशाल नेत्र चिकित्सालय में अत्याधुनिक सुविधाएँ मुहैया कराई गई हैं।
गौशाला : गौसेवा के क्षेत्र में तीर्थ पर विशाल गौशाला का निर्माण किया गया है। यहाँ पर लगभग 2 हजार से भी ज्यादा गायों का पालन-पोषण हो रहा है।
आदिनाथ राजेन्द्र जैन गुरुकुल : ट्रस्ट द्वारा संचालित गुरुकुल में बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ धार्मिक शिक्षण भी दिया जा रहा है।
मानव सेवा मंदिर चिकित्सालय राजगढ़ : मानव सेवा के क्षेत्र में नगर में सर्वसुविधायुक्त चिकित्सालय का निर्माण किया गया है।
राजेन्द्र विद्या साख सहकारी, श्री राजेन्द्रसूरी बैंक : राजगढ़ में दोनों ही संस्थाएँ बैंकिंग के क्षेत्र में कार्यरत हैं।
महावीर जलाशय : मोहनखेड़ा तीर्थ के पीछे के भाग में लगभग 1 किमी की दूरी पर महावीर जलाशय का निर्माण।