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श्री महाकाल लोक घूमने जाने का प्लान कर रहे हैं तो ये बातें आपके काम की

हमें फॉलो करें श्री महाकाल लोक घूमने जाने का प्लान कर रहे हैं तो ये बातें आपके काम की
, बुधवार, 26 अक्टूबर 2022 (12:54 IST)
Mahakal Lok: चक्रवर्ती सम्राट की नगरी अवंतिका अर्थात उज्जैन में स्थित है 12 ज्यो‍तिर्लिंगों में से एक महाकाल शिवलिंग। महाकाल कॉरिडोर निर्माण के बाद इस संपूर्ण क्षेत्र को अब महाकाल लोक कहा जा रहा है। राजा महाकाल के मंदिर और प्रांगण की भव्यता और सुंदरता को देखकर अब आप दंग रह जाएंगे। यदि आप महाकाल लोक घूमने का प्लान कर रहे हैं तो यहां जानिए काम की कुछ बातें।
 
- उज्जैन के महाकाल लोक परिसर की विशेषता यह है कि यहां पर स्थापित मूर्तियों में उनका इतिहास भी दर्ज है। यदि आप पढ़ना या सुनना चाहते हैं तो आपको एक क्यूआर कोड स्कैन करना होगा और तुरंत ही आपके मोबाइल पर जानकारी उबलब्ध होगी।
 
- इस महाकाल लोक की शोभा दो भव्य प्रवेश द्वार, बलुआ पत्थरों से बने जटिल नक्काशीदार 108 अलंकृत स्तंभों की आलीशान स्तम्भावली, फव्वारों और शिव पुराण की कहानियों को दर्शाने वाले 50 से अधिक भित्ति-चित्र बनाए गए हैं, जिन्हें छूना मना है।
 
- लगभग 20.25 हेक्टेयर में बने और 920 मीटर लंबे महाकाल प्रांगण की खासियत यह है कि यहां घूमने के लिए आपको किसी गाइड की जरूरत नहीं होगी क्योंकि यहां कि मुर्तियां खुद आपको अपनी कहानी सुनाएगी। मूर्तियों और चित्रों से जुड़ी पौराणिक कथाएं आप अपने मोबाइल स्क्रीन पर पढ़ या सुन सकते हैं। यदि आपके पास मोबाइल नहीं है तो न्यूनतम शुल्क पर एक ऑडियो डिवाइस उपलब्ध कराई जाएगी।
 
- महाकाल लोक देश का पहला नाइट गार्डन होगा, जहां पर आप पूरी रात भ्रमण कर सकते हैं, लेकिन आपको महाकाल ज्योतिर्लिंग का दर्शन करना है तो उचित समय पर लाइन में लगकर ही करना होंगे। 
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- कालों के काल महाकाल के यहां प्रतिदिन अलसुबह भस्म आरती होती है। इस आरती की खासियत यह है कि इसमें ताजा मुर्दे की भस्म से भगवान महाकाल का श्रृंगार किया जाता है। इस आरती में शामिल होने के लिए पहले से बुकिंग की जाती है।
 
- महाकाल के दर्शन करने के बाद जूना महाकाल के दर्शन जरूर करना चाहिए। यह महाकाल प्रांगण में ही स्थित है। उज्जैन में साढ़े तीन काल विराजमान है- महाकाल, कालभैरव, गढ़कालिका और अर्ध काल भैरव। यदि महाकाल बाबा और जूना महाकाल बाबा के दर्शन कर लिए हैं तो यहां के दर्शन भी जरूर करें। 
 
- गर्भगृह में विराजित भगवान महाकालेश्वर का विशाल दक्षिणमुखी शिवलिंग है। इसी के साथ ही गर्भगृह में माता पार्वती, भगवान गणेश व कार्तिकेय की मोहक प्रतिमाएं हैं। गर्भगृह में नंदी दीप स्थापित है, जो सदैव प्रज्वलित होता रहता है। गर्भगृह के सामने विशाल कक्ष में नंदी की प्रतिमा विराजित है।
 
- यदि आप किसी रियासत के राजा हैं या राज परिवार से हैं तो मान्यता के अनुसार यहां रात नहीं रूक सकते, क्योंकि उज्जैन का एक ही राजा है और वह है महाकाल बाबा। विक्रमादित्य के शासन के बाद से यहां कोई भी राजा रात में नहीं रुक सकता। जिसने भी यह दुस्साहस किया है, वह संकटों से घिरकर मारा गया। यदि आप मंत्री या राजा हैं तो यहां रात ना रुकें। वर्तमान में भी कोई भी राजा, मुख्‍यमंत्री और प्रधानमंत्री आदि यहां रात नहीं रुक सकता।
 
- यदि आप महाकाल मंदिर में बाबा महाकाल के दर्शन करने जा रहे हैं तो नियमों को भी अच्‍छे से जान लें। इसी के साथ यह भी ध्यान रखें कि यहां पर सभी लोग अदब से सिर झुकाकर और शांतिपूर्वक प्रांगण में प्रवेश किया जाता है। यदि आप महिला हैं तो आपको भारतीय परिधान में ही यहां जाना चाहिए।
 
- महाकाल मृत्यु के देवता है। काल और यमदेव उनके आगे नतमस्तक खड़े हैं। यदि आप यहां पर किसी भी प्रकार का नशा या बुरे इरादे से प्रवेश करते हैं तो इसका दंड देने के लिए कालभैरव, महाकाली और चौसठ योगिनियों के साथ ही यहां पर भूतभावन भगवान महाकाल के सभी गण विराजमान हैं।

- यदि आप देर रात को महाकाल लोक पहुंते हैं तो अपने खुद के साधन से ही पहुंचें, क्योंकि रात में यहां कोई व्हीकल मिले या नहीं मिले।

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