Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

51 Shaktipeeth : रामगिरि शिवानी चित्रकूट शक्तिपीठ-34

हमें फॉलो करें 51 Shaktipeeth : रामगिरि शिवानी चित्रकूट शक्तिपीठ-34

अनिरुद्ध जोशी

, सोमवार, 19 अक्टूबर 2020 (13:44 IST)
देवी भागवत पुराण में 108, कालिकापुराण में 26, शिवचरित्र में 51, दुर्गा शप्तसती और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। साधारत: 51 शक्ति पीठ माने जाते हैं। तंत्रचूड़ामणि में लगभग 52 शक्ति पीठों के बारे में बताया गया है। प्रस्तुत है माता सती के शक्तिपीठों में इस बार रामगिरि शिवानी चित्रकूट शक्तिपीठ के बारे में जानकारी।
 
 
कैसे बने ये शक्तिपीठ : जब महादेव शिवजी की पत्नी सती अपने पिता राजा दक्ष के यज्ञ में अपने पति का अपमान सहन नहीं कर पाई तो उसी यज्ञ में कूदकर भस्म हो गई। शिवजी जो जब यह पता चला तो उन्होंने अपने गण वीरभद्र को भेजकर यज्ञ स्थल को उजाड़ दिया और राजा दक्ष का सिर काट दिया। बाद में शिवजी अपनी पत्नी सती की जली हुई लाश लेकर विलाप करते हुए सभी ओर घूमते रहे। जहां-जहां माता के अंग और आभूषण गिरे वहां-वहां शक्तिपीठ निर्मित हो गए। हालांकि पौराणिक आख्यायिका के अनुसार देवी देह के अंगों से इनकी उत्पत्ति हुई, जो भगवान विष्णु के चक्र से विच्छिन्न होकर 108 स्थलों पर गिरे थे, जिनमें में 51 का खास महत्व है।
 
रामगिरि- शिवानी शक्तिपीठ : उत्तरप्रदेश के झांसी-मणिकपुर रेलवे स्टेशन चित्रकूट के पास रामगिरि स्थान पर माता का दायां वक्ष गिरा था। इसकी शक्ति है शिवानी और भैरव को चंड कहते हैं। हालांकि कुछ लोग मैहर (मध्य प्रदेश) के शारदा देवी मंदिर को शक्तिपीठ मानते हैं। चित्रकूट में भी शारदा मंदिर है। रामगिरि पर्वत चित्रकूट में है। चित्रकूट हजरत निजामुद्दीन-जबलपुर रेलवे लाइन पर स्थित है। स्टेशन का नाम 'चित्रकूटधाम कर्वी' है। यह लखनऊ से 285 कि.मी., हजरत निजामुद्दीन से 670 कि.मी. दूर है। मानिकपुर स्टेशन से 30 कि.मी. पहले चित्रकूटधाम कर्वी है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Weekly Horoscope : इस सप्ताह के सितारे, क्या कर रहे हैं इशारे जानिए