ये है प्रयागराज का अनूठा 'शिव कचहरी' मंदिर जहां कान पकड़कर उठक-बैठक लगाते हैं भक्त
भोलेनाथ की अदालत का ये है अनोखा मंदिर, यहां न्यायाधीश के रूप में विराजमान हैं महादेव
संगम नगरी प्रयागराज में असंख्य मंदिर और देव स्थल हैं. यहीं स्थित है भगवान भोलेनाथ का एक ऐसा अनूठा मंदिर, जहां वे न्यायाधीश के रूप में अपने भक्तों के कर्मों का न्याय करते हैं। महादेव का यह अनूठा मंदिर 'शिव कचहरी' के नाम से जाना जाता है। इस शिव मंदिर की अनोखी बात यह है कि यहां कुल 286 शिवलिंग हैं। इनमें एक शिवलिंग न्यायाधीश के रूप में है, तो बाकी वकील के रूप में हैं।
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कहते हैं कि मनुष्य कभी जान बूझ कर तो कभी अनजाने में ग़लती करता है. 'शिव कचहरी मंदिर' में भोलेबाबा के भक्त जाने-अनजाने में हुईं गलतियों की माफी मांगने व उसका प्रायश्चित करने के लिए आते हैं। कोई भक्त चिट्ठी लिखकर माफ़ी की गुहार लगाता है, तो कोई शिवलिंग के पास धीमे से अपनी ग़लती की माफ़ी मांगता है। कोई कान पकड़कर अपनी गलती के लिए क्षमा मांगता है, तो कोई उठक – बैठक लगा कर।
कुंभ नगरी प्रयागराज में संगम के नजदीक गंगा नदी के तट पर स्थित है महादेव का शिव कचहरी मंदिर. मान्यता है कि शिव कचहरी मंदिर में भोलेबाबा की अदालत लगती है जहां वे न्यायाधीश के रूप में विराजमान हैं। शिव भगवान भले ही इस कचहरी में न्यायाधीश के रूप हैं, लेकिन वे दयालु और भोले हैं. इसी लिए भगवान् गलती मान कर उसका प्रयाश्चित करने वाले शरणागत को क्षमा कर उसका कल्याण करते हैं।
शिव कचहरी में भक्तों पूरी आस्था के साथ अपनी गलतियों की माफी और भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद पाने के लिए आते हैं। भक्तों का मानना है कि शिव कचहरी में आकर जाने-अनजाने में हुई गलतियों की माफी मांगने से अपराध बोध से मुक्ति मिल जाती है और बाबा भोलेनाथ की कृपा भी प्राप्त होती है।