जम्मू। नए वर्ष 2022 में वैष्णो देवी के दर्शन को पहुंची श्रद्धालुओं की भीड़ में शनिवार सुबह भगदड़ मचने से 12 लोगों की मौत हो गई और इतने ही जख्मी हो गए। हर देव स्थान पर अधिकतर हादसे का मुख्य कारण भगदड़ रहा है। इससे पहले भी वैष्णो देवी स्थान पर हादसे हुए हैं। आओ डालते हैं पिछले हादसों पर एक नजर।
1. अगले साल 22 दिसंबर 2021 को माता वैष्णो देवी भवन मार्ग पर अर्धकुंवारी स्थित बाजार की दुकान में सिलेंडर ब्लास्ट हो गया था। धमाके के साथ ही आग लग गई थी जिसके चलते इस हादसे में 5 लोगों के झुलसने का समाचार था। हादससे के बाद वहां पर अफरातफरी मच गई थी।
2. उपरोक्त घटना के पहले अगले ही साल 9 जनवरी 2021 को माता वैष्णो देवी भवन के पास कालिका कांप्लेक्स स्थित काउंटिंग रूम में शार्ट सर्किट से आग लग गई थी। हालांकि इसमें ज्यादा नुकसान नहीं हुआ, 2 पुलिसकर्मी मामूली रूप से झुलस गए थे। यह घटना प्राकृतिक गुफा से महज सौ मीटर दूर हुई थी।
3. साल 2017 में 30 जनवरी को भूस्खलन हुआ था। यह हादसा माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर हिमकोटी से पहले देवी द्वार क्षेत्र में हुआ था। जहां भूस्खलन से एक महिला श्रद्धालु की मौत हो गई थी। 3 बच्चों सहित 8 श्रद्धालु इस घटना में घायल हुए थे। तब खराब मौसम के कारण बैटरी कार सेवा भी स्थगित कर दी गई थी।
4. साल 2015 में नवंबर में हेलीकॉप्टर हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई थी कटरा से वैष्णोदेवी हेलीकॉप्टर सर्विस चलती है, जो सीधे पहाड़ी पर पहुंचाती है। इस हादस में पवन हंस सेवा का पायलट की भी मौत हो गई थी। इससे पहले इसी तरह के 3 और हादसे हो चुके हैं। आज के हादसे को मिलाकर कुल 8 हादसे हो चुके हैं।
5. इस तरह के हादसे पहले भी हो चुके हैं। जुलाई 1988, 30 दिसंबर 2012 को़ और 30 जनवरी 2001 को। जुलाई 1988 में जब सांझी छत हेलीपैड पर हादसा हुआ तो पवन हंस के हेलीकॉप्टर में सवार 6 श्रद्धालुओं और पायलट की मौत हो गई। इसी प्रकार के एक अन्य हादसे में 30 जनवरी 2001 को इसी हेलीपैड पर हुए हादसे में सेना के एक ब्रिगेडियर, कैप्टन, मेजर और दो पैरा कमांडो की मौत उस समय हो गई जब सेना का चेतक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। 30 दिसंबर 2012 को हुए हादस में पवन हंस सेवा के पायलट की सूझबूझ से अधिक नुकसान नहीं हुआ था और उसने पहाड़ियों से बचाते हुए हेलीकॉप्टर को खेतों में उतार लिया था, फिर भी 2 लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे।