द्रोपदी के लिए कृष्ण ने लिया था वस्त्रावतार...
भगवान कृष्ण ने बचाई थी द्रौपदी की लाज
द्रोपदी महाराज द्रुपद की अयोनिजा कन्या थीं। उनका शरीर कृष्ण वर्ण के कमल के जैसा कोमल और सुंदर था, अतः इन्हें कृष्णा भी कहा जाता था। इनका रूप और लावण्य अनुपम व अद्वितीय था।
इनके जन्म के समय आकाशवाणी हुई थी 'देवताओं का कार्य सिद्ध करने के लिए एवं उन्मत क्षत्रियों के संहार के लिए ही इस रमणी रत्न का जन्म हुआ है। इसके द्वारा कौरवों को बड़ा भय होगा।'