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Raksha bandhan 2023 : क्या माता लक्ष्मी के कारण मनाते हैं राखी का पर्व?

हमें फॉलो करें Raksha bandhan 2023 : क्या माता लक्ष्मी के कारण मनाते हैं राखी का पर्व?
Raksha bandhan Story : प्रतिवर्ष रक्षा बंधन का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 30 अगस्त 2023, दिन बुधवार को मनाया जा रहा है। यह भी माना जाता हैं कि जब इंद्रदेव वृत्तासुर से युद्ध करने जा रहे थे, तब इंद्र की पत्नी शची ने उन्हें रक्षा सूत्र बांधा था। तभी से रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाने लगा, परंतु यह त्योहार भाई-बहन का तब बना जब माता लक्ष्मी का इस सूत्र से संबंध जुड़ा।
 
आइए यहां जानते हैं माता लक्ष्मी और राजा बलि की कथा से रक्षा बंधन के शुरू होने की कहानी-
 
माता लक्ष्मी और रक्षा बंधन को लेकर स्कंद पुराण, पद्म पुराण और श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार जब भगवान वामन ने महाराज बली से तीन पग भूमि मांग कर उन्हें पाताल लोक का राजा बना दिया तब राजा बली ने भी वर के रूप में भगवान से रात-दिन अपने सामने रहने का वचन ले लिया। भगवान को वामनावतार के बाद पुन: लक्ष्मी के पास जाना था परंतु भगवान ये वचन देकर फंस गए और वे वहीं रसातल में बलि की सेवा में रहने लगे। 
 
इस बात से माता लक्ष्मी चिंतित हो गई। ऐसे में नारद जी ने लक्ष्मी जी को एक उपाय बताया। उन्होंने कहा कि आप राजा बलि को भाई बना लें और उनसे रक्षा का वचन ले लें। नारद जी के बताए अनुसार माता लक्ष्मी ने एक साधारण महिला का रूप लेकर रोते हुए राजा बलि के दरबार में पहुंच गई। जब राजा बलि ने महिला से रोने का कारण पूछा। तो उन्होंने कहा कि मेरा कोई भाई नहीं और मुझे कोई बहन नहीं बनाना चाहता, महाराज, मैं क्या करूं? 
 
महिला की व्यथा सुनकर राजा बलि ने उन्हें अपनी धर्म बहन बनाने का प्रस्ताव रखा। तब साधारण महिला रूप माता लक्ष्मी ने राजा बलि को रक्षा सूत्र बांधा और वचन लिया कि बहन की रक्षा करोगे और उसे दक्षिणा भी देंगे। राजा बलि ने वचन दे दिया। तब माता लक्ष्मी ने असली रूप में आकर कहा कि यदि आपने मुझे अपनी बहन माना है तो दक्षिणा के रूप में आप मुझे मरे पति को लौटा दें।
 
इस प्रकार माता लक्ष्मी ने बलि को अपना भाई बनाया और श्रीहरि विष्णु को भी वचन से मुक्त करा कर अपने साथ लें गई। जिस दिन यह घटना घटी थी, उस दिन श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि थी। और तभी से रक्षा बंधन का त्योहार प्रचलन में हैं। इसीलिए रक्षा बंधन पर महाराजा बलि की कथा सुनने का प्रचलन है।

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। वेबदुनिया इसकी पुष्टि नहीं करता है। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

 

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