Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

आचार्य द्रोण ने ली दुर्योधन-युधिष्ठिर की परीक्षा

कौन अच्छा और कौन बुरा?

हमें फॉलो करें आचार्य द्रोण ने ली दुर्योधन-युधिष्ठिर की परीक्षा
पाण्डवों और कौरवों को शस्त्र शिक्षा देते हुए आचार्य द्रोण के मन में उनकी परीक्षा लेने की बात उभर आई।

परीक्षा कैसे और किन विषयों में ली जाए इस पर विचार करते उन्हें एक बात सूझी कि क्यों न इनकी वैचारिक प्रगति और व्यावहारिकता की परीक्षा ली जाए।

दूसरे दिन प्रातः आचार्य ने राजकुमार दुर्योधन को अपने पास बुलाया और कहा- 'वत्स, तुम समाज में से एक अच्छे आदमी की परख करके उसे मेरे सामने उपस्थित करो।'

webdunia
FILE


दुर्योधन ने कहा- 'जैसी आपकी इच्छा' और वह अच्छे आदमी की खोज में निकल पड़ा।

कुछ दिनों बाद दुर्योधन वापस आचार्य के पास आया और कहने लगा- 'मैंने कई नगरों, गांवों का भ्रमण किया परंतु कहीं कोई अच्छा आदमी नहीं मिला।'

फिर उन्होंने राजकुमार युधिष्ठिर को अपने पास बुलाया और कहा- 'बेटा, इस पृथ्वी पर से कोई बुरा आदमी ढूंढ कर ला दो।'

युधिष्ठिर ने कहा- 'ठीक है महाराज, मैं कोशिश करता हूं।' इतना कहने के बाद वे बुरे आदमी की खोज में चल दिए। काफी दिनों के बाद युधिष्ठिर आचार्य के पास आए।
आचार्य ने पूछा- 'क्यों? किसी बुरे आदमी को साथ लाए?'

webdunia
WD

युधिष्ठिर ने कहा- 'महाराज, मैंने सर्वत्र बुरे आदमी की खोज की परंतु मुझे कोई बुरा आदमी मिला ही नहीं। इस कारण मैं खाली हाथ लौट आया हूं।'

सभी शिष्यों ने आचार्य से पूछा- 'गुरुवर, ऐसा क्यों हुआ कि दुर्योधन को कोई अच्छा आदमी नहीं मिला और युधिष्ठिर को कोई बुरा आदमी नहीं।'

आचार्य बोले- 'बेटा! जो व्यक्ति जैसा होता है उसे सारे लोग अपने जैसे दिखाई पड़ते हैं। इसलिए दुर्योधन को कोई अच्छा व्यक्ति नहीं मिला और युधिष्ठिर को कोई बुरा आदमी न मिल सका।'


हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi