Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कुत्ता तीन दिन से लगा रहा है बजरंगबली की परिक्रमा!

हमें फॉलो करें कुत्ता तीन दिन से लगा रहा है बजरंगबली की परिक्रमा!
, शनिवार, 5 अप्रैल 2014 (11:47 IST)
रायपुर/छुरा। छुरा ब्लाक के मुड़ागांव के एक प्राचीन मंदिर की एक कुत्ता तीन दिनों से परिक्रमा लगा रहा है। गांव के लोगों के लिए यह आश्चर्य और कौतूल का विषय बन चुका है।

मुड़ागांव स्थित बजरंगबली-श्रीजानकी मंदिर में पिछले तीन से गांव का एक कुत्ता चक्कर लगा रहा है। कुत्ते के चक्कर लगाने की खबर के बाद ग्रामीणों ने सोचा कि कुत्ता मंदिर के पास घूम रहा होगा, लेकिन जब वह लगातार कई घंटे तक मंदिर की परिक्रमा करने लगा तो लोग भी इसे आश्चर्यचकित होकर देखने लगे।

परिक्रमा करने की खबर के बाद लोगों की भीड़ मंदिर तक पहुंची। मंगलवार अलसुबह से बिना अन्न-जल ग्रहण किए कुत्ता परिक्रमा लगा रहा है। गांव के बुजुर्जों अनुसार वह कुत्ते को मंगलवार से ही यहां देख रहे हैं। वह बिना अन्न-जल ग्रहण किए लगातार परिक्रमा कर रहा है। कुत्ता एक परिक्रमा पूरी कर मंदिर के मुख्य द्वार पर भगवान के सामने मत्था टेकता है।

 

अगले पन्ने पर, जब कुत्ता थक कर हो गया चूर...

 


लोगों की भीड़ को देखकर भी कुत्ते का ध्यान नहीं भटका और वह नियमित परिक्रमा लगाता रहा, लेकिन लगातार चक्कर लगाते रहने के कारण कुत्ता बेहाल होकर बीमार पड़ गया, तो लोगों ने उसकी खातिरदारी करना शुरू कर दी।

ग्रामीणों के मुताबिक कुत्ता लगातार परिक्रमा करने लगा जिसके चलते वह वह गुरुवार को कुछ घंटों के बाद अस्वस्थ होकर बैठ गया और उसकी आंख से आंसू निकलने लगे। इस दौरान ग्रामीणों ने उसका इलाज पशु चिकित्सक डॉ. देवेश जोशी से करवाया। जोशी ने उसे ड्रिप लगाया। इस दौरान कुत्ता फिर उठ खड़ा हुआ और परिक्रमा करने में जुट गया।

अखिर क्या राज है परिक्रमा करने का, अगले पन्ने पर...


गांव के बुजुर्गों और ग्रामीण कुत्ते की परिक्रमा के पीछे तर्क दे रहे हैं कि कुत्ते को पिछले जन्म में जरूर किसी तरह का श्राप मिला होगा, जिसके चलते वह श्राप से मुक्त होने के लिए लगातार परिक्रमा कर रहा है, वहीं कुछ लोग कहते हैं कि यह पिछले जन्म में बजरंगबली का भक्त रहा होगा या इसे किसी बात का गहरा दुख है। (एजेंसी)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

नवरात्रि में राशिनुसार पढ़ें पवित्र मंत्र