यहाँ एक रेस्टोरेंट में हलवाई का कार्य करने वाले महावीर माली हर दिन जब तक आधा किलो हरी मिर्च नहीं खा लेता तब तक उसका पेट नहीं भरता। यह सिलसिला 9 वर्षों से जारी है। इतने ही समय से यह शख्स अन्न का भी त्याग कर चुका है। भोजन के रूप में केवल फरियाली खिचड़ी ली जाती है।
मूलतः ग्राम दैहिक जिला कोटा राजस्थान के रहने वाले श्रीमाली का हरी मिर्च खाने का अंदाज निराला है। गाजर की तरह देखते ही देखते आधा किलो मिर्च चटकर दी जाती है।
श्रीमाली का कहना है कि वे 14 वर्ष तक इसी तरह हरी मिर्च खाएँगे। इसके साथ ही खाने में वे 250 ग्राम आलू और साबूदाना की खिचड़ी लेते हैं। जब उनसे आधा किलो हरी मिर्च खाने के बाद उसके दुष्परिणामों के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि मुझे मिर्ची खाने में कोई परेशानी नहीं होती है।
उसने कहा कि जिस तरह साधु-संन्यासियों द्वारा कोई भी मन्नत रखी जाती है, ऐसी मेरी कोई कामना नहीं है। ये तो बस मेरी इच्छा से हो गया, जिसे अब तक निभाते आ रहा हूँ। मैं जब तक आधा किलो मिर्ची न खा लूँ, तब तक मेरा पेट ही नहीं भरता। श्रीमाली अपने दो बच्चों, पत्नी, माता-पिता और भाई-बहनों के साथ यहाँ निवासरत हैं।- नईदुनिया