मेरा देश मेरा अभिमान
नहीं है ये ज़मीन का टुकड़ा
ये है मेरी आत्मा, मेरी जान
ये है मेरा वतन, मेरी आन।
माँ की तरह इसने पाला
पिता की तरह मुझे दुलारा
इसकी माटी में खेल
मैंने अपना बचपन गुजारा।
माटी इसकी इतनी प्यारी
स्वर्ग से सुंदर धरा हमारी
इसके जल को शीश लगाते
भारत नहीं, 'भारत माँ' कह बुलाते।
मेरा देश कभी नहीं बँटा
जातिवाद के नारों में
एक थे हम, एक है हम
एकता की सुगंध है इन फिजाओं में।
मेरा ये प्यारा हिंदोस्ता
शांति, अमन का ये जहां
कभी न बिखरे देश हमारा
विजयी रहे तिरंगा प्यारा।